भारत के रक्षा मंत्री ने चीन को समझाया, कहा मुलाक़ात करेंगे तो सिर्फ…

अमेरिका के दबाव में दुनिया ईरान से दूरी बना रही है। ऐसे में चाइना ने ईरान के साथ एक महाडील की थी। इस डील के मुताबिक चाइना बहुत कम दाम में अगले 25 वर्ष तक ईरान से ऑयल ख़रीदेगा।

 

चाइना बैंकिंग, दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे, व ट्रांसपोर्ट जैसी क्षेत्रों में निवेश करेगा। चाइना व ईरान के बीच हो रहे समझौते में सैन्य योगदान भी शामिल है। जिसके तहत चाइना ईरान के साथ मिलकर हथियारों का विकास करेगा।

मॉस्को से तेहरान के लिए निकलने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया। इसमें लिखा था कि ”मास्को से तेहरान के लिए निकल रहा हूं, मैं ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल धनी हातमी से मिलूंगा.

लेकिन अब हिंदुस्तान चाइना को ओर झटके देने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आकस्मित ईरान दौरा बड़ी कूटनीति का भाग है। ये दौरा चाइना को एक दो नहीं कई मोर्चों पर परेशान कर सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे से हिंदुस्तान के विरूद्ध चाइना व पाक गठबंधन पर प्रहार होगा तो चाइना के परमाणु प्लान पर भी बहुत बड़ी चोट लगेगी।

लगातार दो हार मिलने के बाद ही चाइना समझ गया कि लद्दाख में उससे चूक हो गई है व अब हिंदुस्तान उसे धोखेबाज़ी का कोई मौका नहीं देने वाला।

इसीलिए चाइना ने मास्को में हिंदुस्तान से वार्ता करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। करीब 140 मिनट की इस वार्ता में हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चाइना को जो तेवर दिखाए। उससे चाइना के होश उड़ना तय है।

वहीं इस कूटनीतिक जीत के बाद 24 घंटे के भीतर चाइना को दूसरा सबक सिखाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को से आकस्मित तेहरान के दौरे पर पहुंच गए। जहां वे आज ईरान के रक्षा मंत्री से मुलाक़ात करेंगे। अपने ईरान दौरे से राजनाथ सिंह चाइना को कई मोर्चों पर मात देने वाले हैं।

लद्दाख में हिंदुस्तान से तनाव बढ़ाने वाले चाइना को एलएसी से लेकर दुनिया के कोने कोने में पटखनी मिल रही है। रक्षा मंत्री राजना​थ सिंह ने पहले रूस की राजधानी मास्को में चाइना को साफ समझाया कि हिंदुस्तान अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं कर सकता।