अमेरिका के बाद चीन पर भड़का ये देश , कहा ज्यादा मत…

जो एन 95 मास्‍क चीन से मिले हैं, वह 11 मिलियन की उस मेडिकल खेप का हिस्‍स थे जिन्‍हें चीन से आयात किया गया था। इनमें से बस एक मिलियन यानी 10 लाख मास्‍क ही ऐसे हैं .

 

स्‍टैंडर्ड पर खरे उतरे हैं और 1.6 मिलियन मास्‍क की टेस्टिंग जारी है।ट्रूडो ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बात का जिक्र खासतौर पर किया कि उनकी सरकार खराब क्‍वालिटी के पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के लिए चीन को हरगिज भुगतान नहीं करेगी।

उन्‍होंने कहा, ‘हम उन खराब मास्‍क के लिए भुगतान नहीं करेंगे जो हमारे स्‍तर से मेल नहीं खाते और उस क्‍वालिटी के नहीं हैं जो हमें अपने फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए चाहिए थे।

‘ मास्‍क की खराब क्‍वालिटी ने पहले से ही तनावपूर्ण रिश्‍तों को और ज्‍यादा परेशानी में डाल दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब कनाडा ने मास्‍क की खराब क्‍वालिटी की बात कही है। इससे पहले पिछले माह भी कनाडा ने चीन से जो मास्‍क आयात किए थे उनके खराब निकलने की शिकायत की गई थी।

साल 2018 के अंत में कनाडा की अथॉरिटीज ने चीनी कंपनी हुआवेई की सीनियर एग्जिक्‍यूटिव मेंग वानझोउ को वैंकुवर में गिरफ्तार कर लिया था। चीन ने इसके बाद कनाडा के दो राजनयिकों को गिरफ्तार करके मामले पर आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया दी थी।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खराब क्‍वालिटी के एन 95 मास्‍क निर्यात करने की वजह से चीन पर जमकर भड़के हैं। पीएम ट्रूडो ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार चीन को करीब आठ मिलियन यानी 80 लाख खराब मास्‍क के लिए बिल्‍कुल भुगतान नहीं करने वाली है। कनाडा और चीन के बीच साल 2018 से ही तनाव चल रहा है। इन रिश्‍तों को अब मास्‍क के नए मुद्दे ने और तनावपूर्ण कर दिया है।