पीछे हटने को तैयार नहीं चीनी सेना, दिया ये खतरनाक संकेत

वहीँ, देखा जा रहा है कि दोनों तरफ से सेना तैनात है। चीन ने अपनी सेना जिस अनुपात में बढ़ाई थी, उसी तरह अब भारत ने भी अपनी सेना बढ़ा ली है।

 

ठीक इसी तरह दोनों देशों की वायुसेनाएं भी हाई अलर्ट पर हैं। हालांकि भारत अपनी तरफ से क्लियर कर चुका है कि उसने चीनी सेना के बढ़ने के साथ ही अपनी तैयारी की है।

सैन्य सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए दोनों को ही पहल करनी होगी। इसके लिए पहले दोनों पक्षों को अपने तैनात सैनिकों को कम करना होगा।

इसके बाद नए कैंपस और पुराने अस्थाई ढांचे को खाली करना होगा। अनुमान है कि इस पूरी प्रक्रिया को काफी समय लगेगा, हो सकता है महीनों भी लगें।

इससे यह साफ़ हो जाता है कि गलवान घटी का तनाव डोकलाम से भी लंबा खिंच सकता है। डोकलाम में 72 दिनों के बाद चीनी सेना वापस लौटी थी। जबकि यहां ऐसे हालात अभी दूर हैं। वहीँ सूत्रों का कहना है कि एलएसी पर एक मात्र प्रगति यह हुई है कि 22 जून के बाद दोनों तरफ से कोई नई गतिविधि नहीं हुई है।

भारत और चीन के बीच लद्दाख तनाव लंबा खिंचने के आसार दिख रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पीछे हटने पर सहमति दिखाने बावजूद जमीनी तौर पर इसका अमल होता नहीं दिख रहा है।

भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद 22 जून को तय किया गया था कि दोनों सेनाएं 6 जून को बनी सहमति के अनुसार पीछे हट जाएंगी।

इसके बाद, निचले स्तर पर हुई इससे सम्बंधित बैठकों में इसका पूरा ब्योरा भी तय किया गया था, लेकिन इसके बॉस भी चीन की तरफ से वापस लौटने की शुरूआत नहीं हुई है। बता दें, एलएसी पर यह कंडीशन 22 जून से पहले वाली बनी हुई है।

सेना के सूत्रों की माने तो एलएसी पर स्थिति वैसी ही है जैसी पहले बनी हुई है। सहमती के बाद भी चीन के पीछे हटने की प्रक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।