चाइना ने भरी चीन की झोली, जगजाहिर हुआ …

नेपाली पीएम के भ्रष्टाचार की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जून में ओली ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए 73 मिलियन यूरो की लागत से चाइना से प्रोटेक्टिव उपकरणों की खरीद की, जिसमें से ज्यादातर बेकार निकले व उनकी मूल्य भी मार्केट मूल्य से ज्यादा मिली। बताते चलें कि इस सौदे को लेकर नेपाल में विद्यार्थियों ने ओली सरकार के विरूद्ध विरोध प्रदर्शन भी किया था।

रिपोर्ट कहती है कि ओली का स्विट्जरलैंड के मिराबॉड बैंक की जिनेवा ब्रांच में खाता है, जिसमें करीब 41.34 करोड़ रुपए जमा हैं। ओली व उनकी पत्नी राधिका शाक्य को सालाना करीब आधा मिलियन डॉलर मिलता है। रिपोर्ट के लेखक रोलांड जैक्कार्ड (Roland Jacquard) ने दावा किया है कि ओली ने चाइना के योगदान से व्यापारिक सौदों में फायदा कमाया।

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) का चाइना (China) के प्रति झुकाव जगजाहिर है, लेकिन इस झुकाव की वास्तविक वजह अब सामने आई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चाइना ने नेपाल में अपनी पैठ बनाने के लिए ओली को आर्थिक लाभ पहुंचाया है।

ग्लोबल वॉच एनालिसिस (Global Watch Analysis) की रिपोर्ट बताती है कि चाइना गरीब राष्ट्रों के भ्रष्ट नेताओं का प्रयोग कर उस देश में अपनी पैठ बना रहा है व नेपाल इसका सबसे ताजा उदाहरण है। रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की संपत्ति में भी पिछले कुछ वर्ष में तेजी से इजाफा हुआ है। इस दौरान उन्होंने विदेशों में भी संपत्ति खरीदी हैं।

इतना ही नहीं, दूसरे कार्यकाल में भी ओली ने चीनी कंपनियों को परियोजनाएं देने के लिए सरकारी नियमों को दरकिनार कर दिया। दिसंबर 2018 में डिजिटल एक्शन रूम बनाने के लिए बिना किसी टेंडर के चीनी कंपनी Huawei को ठेका दिया गया, जबकि सरकार की स्वामित्व वाली नेपाल दूरसंचार भी इस दौड़ में शामिल थी।