चीन को लेकर WHO के चीफ ने किया ये बड़ा खुलासा , बताया कोरोना को…

इससे पहले हफ्ते के शुरुआत में अमेरिका और ब्रिटेन ने डब्लूएचओ की निगरानी में समयबद्ध, पारदर्शी और सबूत आधारित स्वतंत्र अध्ययन की जरूरत पर समर्थन जताया था (WHO on COVID Origin Probe).

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने साझा बयान जारी कर कहा था कि वह डब्लूएचओ द्वारा कोविड-19 की उत्पत्ति की पारदर्शी जांच किए जाने का समर्थन करते हैं. हाल ही में अमेरिका की कई खुफिया रिपोर्ट्स में वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई बड़े दावे किए गए हैं. इनमें कहा गया है कि वायरस चीन की वुहान लैब से ही निकला है.

उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि जब वायरस की उत्पत्ति के अगले चरण की जांच शुरू होगी, तो उसमें चीन सहयोग करे और जांच में अधिक पारदर्शिता हो. टेड्रोस ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि हमें चीन की तरफ से भी सहयोग की जरूरत पड़ेगी.

हमें पारदर्शिता की जरूरत होगी ये समझने और जानने के लिए कि वायरस कहां से आया है. रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद से ही डाटा शेयर करने में दिक्कतें आ रही हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि अगले चरण की जांच शुरू करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं और वायरस की उत्पत्ति के मुद्दे पर शनिवार को जी-7 देशों (G-7 Countries) के नेताओं के साथ भी बैठक हुई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Ghebreyesus) ने चीन से कहा है कि वह कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर जारी वर्तमान जांच में सहयोग करे. उन्होंने ये बात ऐसे वक्त में कही है.

जब दुनिया में वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए नई और पारदर्शी जांच की मांग की जा रही है. ट्रेडोस ने ये बयान शनिवार को जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद जारी किया है. वह शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस सम्मेलन में शामिल हुए थे. इस बात की जानकारी वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट में दी गई है.