हाल ही में बीएसपी शासनकाल में सोनभद्र में जेपी ग्रुप को वन विभाग की 1083 हेक्टेयर जमीन देने के मुद्दे में जाँच रिपोर्ट पर कार्रवाई प्रारम्भ हो गई है। जंहा शासन ने प्रमुख सचिव वन कल्पना अवस्थी व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष पवन कुमार को हटा दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 नवंबर को ही पवन कुमार को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन कल्पना अवस्थी ने जाँच रिपोर्ट आने तक पवन को बरकरार रखने की वकालत की थी। वहीं इस मुद्दे को साल 2014 से ही प्रमुखता से उठाता रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार से मुद्दे की जाँच करवाई थी। रेणुका कुमार ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपी थी। अब प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण सुधीर गर्ग को वन विभाग का अलावा प्रभार दिया गया है।
रेणुका कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई:सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेपी को वन धरती देने का मुद्दा सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने पवन को हटाने का आदेश दिया था। मगर, प्रमुख सचिव वन कल्पना ने अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की रिपोर्ट आने तक पवन को न हटाए जाने की वकालत की थी। इससे पवन पद पर बने रहे। पिछले दिनों रेणुका कुमार ने अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंप दी। जंहा मुख्यमंत्री की नाराजगी इसी से समझी जा सकती है कि उन्हें नयी पोस्टिंग न देकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।
पवन ने नियमों को ताक पर रखकर दी थी जमीन:यदि हम बात करें सूत्रों कि तो वन विभाग की जमीन केन्द्र की अनुमति के बिना किसी को भी नहीं दी जा सकती। लेकिन, वन विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर जेपी को जमीन दे दी। रेणुका कुमार की रिपोर्ट में नियमों की अवहेलना की पुष्टि हुई। जेपी को जमीन दिए जाने के समय पवन कुमार सचिव वन थे। पवन को अब मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।