चाणक्य नीति : जीवन में सुखी रहने के लिए करे ये काम, पत्नी से न छूपाए ये बात

चाणक्य के अनुसार पत्नी से कोई भी बात नहीं छिपानी चाहिए. पत्नी को जीवन संगिनी कहा गया है. पत्नी एक मित्र की भी भूमिका निभाती है. इसलिए पत्नी से कभी कोई बात नहीं छिपानी चाहिए.

 

पत्नी संकट के समय परछाई की तरह साथ खड़ी होती है. जब सब साथ छोड़ जाते हैं तो पत्नी ही सबसे बड़ा सहारा बनकर खड़ी होती है. इसलिए पति और पत्नी के रिश्तों को कमजोर नहीं होने देना चाहिए, इसे निरंतर मजबूती प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए.

चाणक्य की मानें तो जिसके जीवन में योग्य पत्नी और सच्चा मित्र हैं वह व्यक्ति कठिन से कठिन समय को भी हंस कर गुजार सकता है. वहीं मित्र और पत्नी विश्वास पात्र नहीं हैं तो व्यक्ति कितना ही प्रतिभाशाली और संपन्न क्यों न हो उसे असफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसलिए इन दोनों रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

चाणक्य के अनुसार पत्नी और मित्र का रिश्ता व्यक्ति के जीवन में बहुत ही अहम होता है. पत्नी मित्र की भूमिका भी निभाती है. मित्रता का रिश्ता व्यक्ति स्वयं बनाता है वहीं रिश्ते उसे विरासत में प्राप्त होते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शादी विवाह और मित्रता बहुत सोच समझ कर ही करनी चाहिए. क्योंकि इन दोनों रिश्तों की जीवन में बहुत अहम भूमिका होती है.

चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ-साथ उच्च कोटि के विद्वान भी थे. मनुष्य के जीवन को प्रभावित करने वाले हर विषय का चाणक्य ने बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था.

आचार्य चाणक्य के अनुसार हर मनुष्य के जीवन में दो ऐसे रिश्ते होते हैं जो उसके सबसे नजदीक होते हैं. ये रिश्ते यदि अच्छे हैं और इनमें कोई स्वार्थ की भावना नहीं छिपी है तो इन रिश्तों के सहारे व्यक्ति जीवन में कई सफलताएं प्राप्त करता है.