विपक्ष के निशाने पर है केंद्र सरकार ,उद्धव ठाकरे ने कहा कश्मीरी पंडित घाटी से भाग रहे…

कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं की चर्चा पूरे देश में है। एक तरफ जहां टारगेट किलिंग की वजह से कश्मीरी पंडितों और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा हो गया है, तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कश्मीरी पंडित घाटी से भाग रहे हैं। कश्मीरी पंडितों को ‘घर वापसी’ का सपना दिखाया गया था, लेकिन उनकी निशाना बनाकर हत्याएं की जा रही हैं। पंडितों का पलायन चौंकाने वाली घटना है।

दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कश्मीर घाटी में हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों की हत्याओं पर चिंता व्यक्त की है। इसी कड़ी में उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है। उद्धव ठाकरे का यह बयान ऐसे समय आया है जब घाटी के आतंकी कश्मीरी पंडितों को लगातार धमकी दे रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द घाटी से चले जाना चाहिए। धमकियों के बीच आतंकियों ने एक के बाद एक कई लोगों को लगातार निशाना बनाया।

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि 1995 में जब शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में आया, तो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कश्मीरी पंडितों के बच्चों के लिए राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सुनिश्चित किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कश्मीरी पंडित नेताओं के संपर्क में है और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश करेगी और महाराष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है।

उधर कश्मीर में हिंदुओं की हत्याओं में खतरनाक वृद्धि के बीच सरकार ने श्रीनगर में तैनात 177 कश्मीरी पंडित शिक्षकों के ट्रांसफर का आदेश दिया। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीरी पंडित समुदाय और प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों के मद्देनजर शुक्रवार को दिल्ली में एक हाई लेवल बैठक की थी। उन्होंने अशांत केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।

अमित शाह की इस बैठक के बाद कश्मीर में कई निर्णय लिए गए। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग की थी। मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा डोभाल, जम्मू-कश्मीर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस दिलबाग सिंह, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह और सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह भी मौजूद थे।