डैमेज कंट्रोल प्लान में कांग्रेस से पिछड़ी भाजपा, 15 बागी प्रत्याशी करेगे ऐसा…

विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तैयार डैमेज कंट्रोल प्लान में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से पिछड़ती नजर आ रही है। पार्टी बगावती नेताओं को न तो मना ही पाई और न अभी तक कोई सख्त कदम उठाया गया है।

ऐसे में पार्टी के अनुशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालात यह है कि नाम वापसी के बाद भी भाजपा के 15 नेता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

यही नहीं दो दिन बीतने के बावजूद पार्टी अभी तक उन पर कोई सख्त कदम भी नहीं उठा पाई है। पार्टी ने राज्य के सांसदों की ड्यूटी भी बागियों को मनाने में लगाई थी, लेकिन राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को छोड़कर अन्य ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए। बताया जा रहा है कि राज्य स्तरीय संगठन को चला रहे नेताओं के तो बागियों ने फोन तक नहीं उठाए।

भाजपा के 20 नेताओं ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन कराया था जिसमें से पार्टी पांच नेताओं को मनाने में सफल रही थी। इसके बाद अब भाजपा के 15 नेता बागी हैं। इसी तरह कांग्रेस के 15 बागी मैदान में थे जिसमें से आठ को मना लिया गया था जबकि सात बागियों में से चार को पार्टी ने मंगलवार को ही पार्टी से निष्कासित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

डैमेज कंट्रोल में भी कांग्रेस का मैनेजमेंट काफी सक्रिय नजर आया। ऋषिकेश से टिकट न मिलने से नाराज शूरवीर सिंह सजवाण को पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष बना डाला वहीं लैंसडाउन से टिकट न मिलने पर रघुवीर विष्ट को महामंत्री बनाया गया। इसी तरह ज्योति रौतेला की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें महिला कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। इसके विपरीत भाजपा का नेतृत्व अभी भी बागियों का मुंह ताक रहा है।