दिल्ली चुनाव में भाजपा को केजरीवाल से नहीं बल्कि इस पार्टी की रणनीति ने किया ढेर वर्ना हो सकती थी जीत

दिल्ली चुनाव के रुझानों में कांग्रेस के वोट शेयर में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रहा है, जहां पार्टी को 2015 चुनाव के मुकाबले कम वोट हासिल हुआ है। पार्टी के सूत्र ने दावा किया कि अगर कांग्रेस मजबूत स्थिति में होती तो भाजपा को अभी के मुकाबले और ज्यादा सीटें हासिल होतीं। कांग्रेस ने भाजपा और आप के मुकाबले लचर प्रचार अभियान चलाया था। दोनों (भाजपा और आप) के बीच मतदान का अंतर केवल 10 प्रतिशत का है।

पार्टी के एक नेता ने कहा, कांग्रेस ने हथियार डाल दिए और अगर हमने चुनाव के दौरान आप के साथ गुप्त गठबंधन किया होता तो पार्टी की स्थिति दिल्ली में मजबूत होती। ओखला से कांग्रेस नेता परवेज अहमद ने कहा, कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में अच्छा करने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन मुस्लिमों ने भाजपा के जीत के डर से आप को वोट किया।

उधर, कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता व पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को यह स्वीकार किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एक बार फिर से पतन हुआ है। चुनाव परिणाम आने के बाद शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, दिल्ली में हमारा एक बार फिर से पतन हुआ। आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका, अब कार्रवाई का वक्त है। शीर्ष पर निर्णय लेने में देरी, रणनीति और राज्य स्तर पर एकता में कमी, हतोत्साहित कार्यकर्ता, जमीनी स्तर पर जुड़ाव में कमी- ये सभी कारक रहे हैं। सिस्टम का हिस्सा होने के नाते, मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं।