ब्रिटेन में कोरोना वायरस का अजीबोगरीब प्रभाव, एक तिहाई लोगों को हो रही ये समस्या…

डेनियल हर्डिमान ने कहा, इस रिसर्च ने हमें यह भी दिखाया कि बहुत से लोग मानते हैं कि स्क्रीन के सामने अधिक समय बिताने से उनकी दृष्टि खराब हो गई है. हो सकता है कि आपने घर से काम करने, वीडियो कॉल और अधिक टेलीविजन देखने की वजह से स्क्रीन पर अधिक वक्त गुजारा हो.

ये अब आपकी आंखों के लिए थका देने वाला हो सकता है. अच्छी खबर यह है कि इससे आपकी दृष्टि को कोई दीर्घकालिक नुकसान होने की संभावना नहीं है. वहीं, जनवरी में आई हेल्थ चैरिटी फॉर साइट ने पाया कि सर्वे में शामिल 2000 लोगों में से 38 फीसदी ने माना कि उनकी दृष्टि खराब हो गई.

ऑप्टोमेट्रिस्ट कॉलेज में क्लिनिकल एडवाइजर डेनियल हर्डिमान ने कहा, ये बहुत जरूरी है कि यदि आपको लगता है कि आपकी दृष्टि खराब हो गई है या आपको अपनी आंखों के साथ कोई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

जैसे कि वे लाल हो जा रही हैं या फिर उनमें दर्द हो रहा है. ऐसे में आपको अपने स्थानीय आंखों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि बहुत से लोग डॉक्टर के पास जाने को लेकर चिंतित हैं. लेकिन कृपया आश्वस्त रहें कि डॉक्टरों के पास जाना सुरक्षित है. आपके डॉक्टर ये सुनिश्चित करेंगे कि सभी उपयुक्त सुरक्षा उपाय मौजूद रहे.

पोल में शामिल 31 फीसदी लोगों ने 2021 में लॉकडाउन के बाद अपनी दृष्टि में निगेटिव बदलाव देखा. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग आधे (44 प्रतिशत) ने माना कि स्क्रीन समय बढ़ने के कारण उनकी दृष्टि खराब हो गई.

लेकिन इनमें से कुछ लोगों ने दृष्टि खराब होने पर मदद भी ली. वहीं, जिन लोगों ने अपनी दृष्टि में बदलाव देखा, उन्होंने कोई मदद नहीं ली, क्योंकि उन्हें ये गंभीर समस्या नहीं लगी. दूसरी ओर ऐसे भी लोग थे, जिन्हें लगा कि अगर वे डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके कोविड की चपेट में आने का खतरा अधिक होगा.

ब्रिटेन (Britain) में कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) का एक अजीबोगरीब प्रभाव देखने को मिला है. एक नए रिसर्च में कहा गया है कि ब्रिटेन में एक तिहाई व्यस्कों की देखने की क्षमता (Vision worse due to pandemic) प्रभावित हुई है.

कॉलेज ऑफ ऑप्टोमेट्रिस्ट (College of Optometrists) ने दो हजार लोगों के बीच एक पोल किया. इसमें उनसे पूछा गया कि जून 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद उनका विजन कैसा था और अप्रैल 2021 में लॉकडाउन फिर से खत्म होने के बाद कैसा रहा. इस पोल में पाया गया कि देखने की क्षमता के बारे में चिंतित लोगों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी.