पाकिस्तान को हुआ अब तक का सबसे बड़ा नुकसान, भारत से मांगी…

अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के एक समूह ने पाकिस्तानी सेना और आतंकवादी समूहों के आपसी संबंधों की भर्त्सना की है। समूह का कहना है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादी संगठनों को किसी भी तरह की मदद देना और लेना निंदनीय है।

 

समूह ने पाकिस्तान में लगातार हो रहे सैन्य दखल और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के हनन पर गहरी निराशा जताते हुए मुख्यधारा के दलों से कहा कि वे देश में आम नागरिकों को सर्वोच्च स्थान देने और विधि का शासन कायम करने के लिए कदम उठाएं।

समूह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना कट्टरपंथी आतंकी समूहों को विदेशी एवं घरेलू नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करना बंद करे। साउथ एशियंस अगेंस्ट टेरेरिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स (साथ) फोरम के बैनर तले अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी वाले समूह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को प्रताड़ना शिविर बंद करने चाहिए।

‘साथ’ ने एक प्रस्ताव में कहा, ‘पाकिस्तान के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से हम निराश हैं। इन दलों में आतंरिक लोकतंत्र होना चाहिए और उन्हें यह पता होना चाहिए कि लोकतंत्र का मतलब केवल चुनाव के जरिए सत्ता हासिल करना नहीं है।’

उसमें कहा गया, ‘पाकिस्तान के मुख्यधारा के सियासी दलों को जनता के सशक्तिकरण के लिए, संवैधानिक शासन और विधि व्यवस्था के लिए खड़े होना चाहिए और न कि सिर्फ चुनाव को प्रभावित करके सत्ता हथियाने तक सीमित रहना चाहिए।’ समूह के सदस्यों ने साथ के चौथे संस्करण में एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें बलूचिस्तान में सैन्य दमन रोकने की मांग की गई।