कोरोना को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, अप्रैल के अंत में हो सकता है ये…

इसके लिए तीन चरणों की एक योजना भी तैयार की जा रही है. इसका पहला चरण इस वर्ष जून तक चलेगा, जिसमें विशेष कोविड अस्पतालों का निर्माण, आइसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर वाले आईसीयू, पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट व एन 95 मास्क पर फोकस रहेगा.

 

इसके लिए 14 अप्रैल के बाद दो हफ्ते व चाहिए. आगे अगर कोई मरकज जैसी घटना नहीं हुई तो प्रभाव दिखने में एक महीना लग सकता है.

सरकार की प्रयास प्रतिदिन मामलों में हो रही तेज वृद्धि पर रोक लगाना है. अगर एक बार यह क्रम गिरना प्रारम्भ हो गया, तो आने वाले दिनों में धीरे-धीरे स्थिति सुधर सकती है.

त्रिस्तरीय योजना में दूसरा चरण जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक व उसके बाद तीसरा चरण अप्रैल 2021 से मार्च 2024 तक होने कि सम्भावना है.

इस दौरान राज्यों को केन्द्र से जो इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयरनेस पैकेज दिया जा रहा है, उसका उपयोग किया जाएगा. केंद्रीय सहायता वाले इस पैकेज से राज्यों पर बोझ कम होगा.

कोरोना के विरूद्ध लंबी जंग की तैयारी कर रही केन्द्र सरकार को अप्रैल के अंत तक कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. लॉकडाउन के साथ ही कोरोना से प्रभावित हॉटस्पॉट को सील कर संक्रमण की रोकथाम के कोशिश किए जा रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग से इसके तेजी से प्रसार पर रोक लगाने की कोशिशों में केन्द्र और राज्यों ने पूरी ताकत झोंक दी है. विशेषज्ञ भी अप्रैल को सबसे अहम मान रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार केन्द्र ने राज्यों के साथ अब जो योजना साझा की है, उसमें लॉकडाउन को कम से कम दो हफ्ते बढ़ाने व हॉटस्पॉट को सील कर प्रभावितों का पता लगाकर उनको अलग-थलग करना है.

हालांकि, तबलीगी जमात से सरकार के लॉकडाउन प्लान को गहरा धक्का लगा है व उसके तंत्र का एक बड़ा भाग जमात व उसके कनेक्शन को खोजने में ही जुटा है.