अयोध्या मूदे को लेकर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान, कहा खैरात में नहीं चाहिए ये…

सुप्रीम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति के निर्णय में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया  केंद्र को आदेश दिया कि नई मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख जगह पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही सियासी दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 वर्ष से भी अधिक पुराने इस टकराव का पटाक्षेप कर दिया. सुप्रीम न्यायालय के इस निर्णय के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी रिएक्शन दी है. असदुद्दीन ओवैसी ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय से असंतुष्टि जताई  बोला कि मैं इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हूं.

साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को ओवैसी ने ये कहकर मानने से मना कर दिया कि हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते. हालांकि, उन्होंने यह भी बोला कि यह उनका निजि विचार है, मगर सुन्नी बक्फ बोर्ड को इसका निर्णय लेना है कि वह इस जमीन के प्रस्ताव को मानते हैं या नहीं.

ओवैसी ने निर्णय पर सवाल उठाते हुए बोला कि जिन्होंने बाबरी मस्जिद को ढाहा, आज उन्हीं को उच्चतम न्यायालय कह रही है कि ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाइए. अगर मस्जिद वहां रहती  वह शहीद नहीं होती तो क्या यही निर्णय आता. मुझे नहीं मालूम. उच्चतम न्यायालय का निर्णय सुप्रीम है, मगर इन्फैलेबेल नहीं है. बता दें ओवैसी की तरह ही उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस फैसला पर असंतोष जाहीर करते हुये बोला है कि वह इस निर्णय पर विचार करेगा कि न्यायालय में चुनौती देनी है या नहीं. इस टकराव ने देश के सामाजिक  साम्प्रदायिक सद्भाव के ताने बाने को तार तार कर दिया था.