लद्दाख में भारत और चीन के बीच हुआ ये, मिला युद्ध का संकेत 4000 से 5500 की ऊंचाई पर…

कैलाश रिज अस्ल में, काफी ऊबड़ खाबड़ पहाड़ी इलाका है, जहां पहाड़ियों की ऊंचाई 4000 से 5500 मीटर तक है. यहां हेलमेट टॉप, गुरुंग​ हिल, स्पंग्गुर गैप, मुग्गर हिल, मुखपरी, रेज़ांग ला और रेचिन ला जैसे अहम मोर्चे हैं.

यह रिज चुशूल में स्थित है, जो कम्युनिकेशन के लिहाज़ से काफी अहम है. 1962 के भारत चीन युद्ध में यह कैलाश रेंज भारत के लिए एक सबक साबित हुई थी.

लद्दाख स्थित बॉर्डर (Ladakh Border) पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) 1962 में चरणबद्ध ढंग से आक्रामक हुई थी. पहली साज़िश के तहत पीएलए ने अक्साई चीन (Aksai Chin) में दौलत बेग ओल्डी, गलवान (Galwan) समेत पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) झील और दुंगती डेमचोक क्षेत्रों पर चढ़ाई की थी और दूसरे चरण में रणनीतिक महत्व वाली कैलाश रेंज पर कब्ज़ा कर लिया था.

भारत के लिहाज़ से पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे से शुरू होकर 60 किलोमीटर तक फैलकर झील की उत्तरी दिशा में खत्म होने वाली कैलाश रेंज (Kailash Ridge) बेहद अहम हो जाती है.