इस देश पर हुआ मिसाइलों से हमला, भागते नजर आए लोग

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन द्वारा सीरिया में किया गया ये हमला पहली सैन्य कार्रवाई थी. उनके प्रशासन ने मध्यपूर्व से ज्यादा चीन की तरफ ध्यान देने को तवज्जो दी.

 

हालांकि, सीरिया में किया गया हमला अमेरिका की क्षेत्र में सैन्य भागीदारी को बढ़ाने के लिए नहीं किया गया था, बल्कि ऐसा सैनिकों की रक्षा के लिए इच्छाशक्ति का प्रदर्शन दिखाने के लिए किया गया. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा कि ऑपरेशन एक संदेश भेजता है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों की सुरक्षा के लिए कार्य करेंगे.

वहीं, 16 फरवरी को इराक में हुए एक अन्य रॉकेट हमले में एक नागरिक कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई थी. इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक भी घायल हुआ था. रॉकेट के जरिए उत्तरी इराक में स्थित एक एयरबेस को निशाना बनाया गया था.

इसके बाद अमेरिका ने इस हमले का बदला लेते हुए पिछले गुरुवार को सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया (Iran-backed militia) समूहों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सुविधाओं को निशाना बनाते हुए हवाई हमले (Air Strike) किए.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, एयरबेस से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित एक लॉन्च पैड से करीब 13 रॉकेटों को दागा गया. बगदाद ऑपरेशन कमांड के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

ये एयरबेस पश्चिमी अंबार प्रांत (Anbar Province) में स्थित है. दूसरी ओर, पोप फ्रांसिस ऐसे समय में देश का दौरा कर रहे हैं, जब इराक की सुरक्षा स्थिति बिगड़ी हुई है. तीन साल में पहली बार राजधानी बगदाद में बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था.

इराक (Iraq) के ऐन अल-असद एयरबेस (Ain al-Asad air Base) पर बुधवार को 10 से ज्यादा रॉकेटों (Rockets) को दागा गया है. ये बेस पर अमेरिका (America), गठबंधन सेनाएं और इराकी सैन्य बल का ठिकाना है.

सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. एक महीने से कम समय में इराक में हुआ ये दूसरा रॉकेट हमला (Rocket Attack) है. ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब दो दिन बाद पोप फ्रांसिस (Pope Francis) इराक का दौरा करने वाले हैं.