अफगानिस्तान में अफरातफरी का माहौल, अब हुआ ये…

अमेरिकी सेना ने बागराम एयर बेस स्थित अपने मुख्य सैन्य अड्डे को खाली कर दिया। काबुल के करीब स्थित इस सैन्य अड्डे के खाली करने के साथ ही अमेरिका की सीधी संलिप्तता खत्म हो गई। तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार को अगस्त तक लिखित शांति प्रस्ताव देने की बात कही। अमेरिका के वरिष्ठ जनरल ने बताया कि तालिबानी आतंकियों ने देश के लगभग आधे जिलों पर कब्जा कर लिया है। अमेरिका ने आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान को मदद जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि तालिबान से मुकाबले के लिए वह हवाई हमले तेज करेगा। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मई व जून के दौरान करीब 2,400 नागरिक मारे गए या घायल हुए हैं।

यह वर्ष 2009 के बाद उन महीनों की सबसे बड़ी संख्या है। देश के दक्षिण में स्थित जारंज पहला प्रांतीय राजधानी रहा, जिस पर तालिबानियों ने वर्षों में कब्जा जमाया। इसके बाद उत्तर में स्थित कुंदुज समेत कई प्रांतीय राजधानियों पर पर तालिबान काबिज होता चला गया। कंधार समेत चार प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान काबिज हो गया। हेरात पर कब्जा करते हुए तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले प्रमुख कमांडर मुहम्मद इस्माइल खान को बंदी बना लिया गया।   तालिबान ने हल्की झड़प के बाद उत्तर के प्रमुख शहर मजार ए शरीफ व काबुल से महज 70 किमी दूर पुल ए आलम पर कब्जा जमा लिया। अमेरिका ने काबुल से अपने नागरिकों की सकुशल वापसी के लिए और सैनिक भेजे। अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि वह अगला कदम उठाने के लिए स्थानीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से बात कर रहे हैं। बिना किसी लड़ाई के तालिबान प्रमुख शहर जलालाबाद पर कब्जा करते हुए राजधानी काबुल में प्रवेश कर गया।

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में अफरातफरी का माहौल है। सबसे ज्यादा हालात काबुल में खराब हैं। यहां हर विदेशी शख्स बाहर जाना चाहता है। यही कारण है कि काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ जमा हो गई है। काबुल एयरपोर्ट पर अभी अमेरिकी सेना का कब्जा है और ये सैनिक की तमाम ऑपरेशन देख रहे हैं, लेकिन भारी भीड़ के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं। कोई सुरक्षा जांच नहीं हो रही है। लोग प्लेन में चढ़ने की ऐसे कोशिश कर रहे हैं जैसे कोई ट्रेन का जनरल डिब्बा हो। ताजा खबर यह है कि कुछ लोगों ने टेक ऑफ के दौरान विमान के पहिए से लटक गए और नीचे गिरने से मौत हो गई। ऐसे लोगों के शव छतों पर मिल रहे हैं। नीचे देखिए संबंधित वीडियो

अफगानिस्तान पर एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। राष्ट्रपति अफरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं। उनकी दलील है कि काबुल में ज्यादा खून-खराबा न हो, इसके लिए वे देश छोड़कर जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब तालिबान सभी को साथ लेकर चलेगा। अफगानिस्तान में ताबिलान ने फिर तब हावी होना शुरू किया जब अमेरिकी सेना ने यहां से रवानागी की घोषणा की। इसके बाद तालिबान के लड़ाकों ने बेखौफ होकर हथियार उठा लिए और आज पूरे अफगानिस्तान पर काबू कर लिया। पढि़ए पूरी टाइम लाइन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एलान किया कि सैन्य वापसी एक मई से शुरू होकर 11 सितंबर को खत्म होगी। यह तालिबान व अमेरिका के बीच सैन्य वापसी के लिए तय एक मई की आखिरी तिथि का विस्तार तथा सबसे लंबी अमेरिकी लड़ाई के खत्म होने का संकेत था।दक्षिणी हेलमंड प्रांत में तालिबानी आतंकियों ने अफगानी सेना पर बड़ा हमला बोला। आतंकियों ने छह अन्य प्रांतों पर भी हमले किए।11 मई : देशभर में हिंसा फैल गई और तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाके में स्थित नेरख जिले पर कब्जा कर लिया। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि लड़ाई तेज हो गई है और पिछले 24 घंटे में 150 अफगानी सैनिक मारे गए हैं। देश के 34 में से 26 प्रांतों में लड़ाई भीषण होती जा रही है।तालिबानी आतंकियों ने अपने गढ़ दक्षिण से इतर उत्तरी अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिए। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक ने बताया कि तालिबानियों ने 370 में से 50 से ज्यादा जिलों पर कब्जा जमा लिया है।