अमेरिकी वायुसेना ने किया ये खतरनाक काम , काबुल धमाके के मास्टरमाइंड को 48 घंटे के अंदर किया…

शीतयुद्ध के जमाने के बी-52 बमवर्षक विमान ने अपनी पहली उड़ान 1950 के दशक में भरी थी। इसके बाद इसके कई अपग्रेडेड वर्जन आज भी अमेरिकी वायुसेना में बमबारी की कमान संभाले हुए हैं।

इस विमान ने अपनी सटीक बमबारी से इराक, सीरिया, अफगानिस्तान और वियतनाम के युद्धों में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। बी-52 बॉम्बर एक बार में 70,000 पाउंड के पेलोड को लेकर 12,874 किलोमीटर तक की दूरी तक उड़ान भर सकता है। आज भी यह विमान अपने एक हमले से किसी बड़े शहर को तबाह करने की क्षमता रखता है।

एमक्यू-9 रीपर ड्रोन सटीक हमला करने के अलावा खुफिया निगरानी, टोह लेने, एयर सपोर्ट बंद करने, बचाव अभियान, किसी काफिले पर नजर रखने के भी काम आता है। रूट क्लीयरेंस, टारगेट पर नजर रखने आदि जैसा काम भी यह बखूबी निभाता है।

यह खतरनाक ड्रोन 4 लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस है, जो हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है। इसका निशाना इतना सटीक है कि सीधे टारगेट को ही खत्म करता है। आसपास नुकसान नहीं होता।

ड्रोन चुपके से दुश्मन के खेमे में घुसकर अपने काम को अंजाम देने में माहिर है। 370 किलोमीटर की स्पीड से उड़ान भरने वाला यह ड्रोन करीब 2,000 किलोमीटर की दूरी से भी सटीक निशाना लगा सकता है। इसकी तकनीक ऐसी है कि यह हाई वैल्यू के हमले करने में सक्षम है। यह इतना सटीक है कि समय के अनुसार निशाना लगा सकता है।

अमेरिकी वायुसेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं में एक है। चाहे एबटाबाद में लादेन को मारने की घटना हो या इराक मिशन, इसी के दम पर अमेरिका ने अपने इरादे पूरे किए हैं।

काबुल धमाके के मास्टरमाइंड को 48 घंटे के अंदर ढेर कर एक बार फिर अमेरिकी वायुसेना ने अपनी सटीकता और दक्षता साबित की है। तो चलिए जानते हैं सुपरपावर अमेरिका की आसमानी ताकतों के बारे में।