हमने इस सारे दौरान पारदर्शिता व जिम्मेदारी से कदम उठाए हैं। हमने दूसरे राष्ट्रों को वक्त रहते इसके बारे में जानकारी दी व हमने इसकी रोकथाम व उपचार के उपायों को संसार से साझा किया।
चीनी राष्ट्रपति ने बोला कि हमने वो सभी कोशिश किए जो हम कर सकते थे जिनसे संसार के राष्ट्रों की मदद हो सके। उन्होंने बोला कि चाइना जाँच में संसार को योगदान करेगा। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि कोरोना संक्रमण में चाइना की किरदार पर स्वतंत्र जाँच का प्रस्ताव है।
इसके संक्रमण को लेकर चाइना अब तक पूरी संसार के सामने झूठ बोलने वाले चाइना का अब पर्दाफाश हो गया है। चाइना ने संसार के आगे अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बोला कि चाइना में हमने कोविड 19 से लड़ने के लिए अभूतपूर्व ऊर्जा के साथ कार्य किया है, हमने अपने प्रयासों से व अभूतपूर्व बलिदान से वायरस के विरूद्ध युद्ध को जीत लिया है व इसी के साथ हमने अपने नागरिकों के ज़िंदगी व स्वास्थ्य को सुरक्षित किया है।
बैठक के पहले दिन यूरोपियन यूनियन व ऑस्ट्रेलिया समेत करीब 116 राष्ट्रों ने वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए जाँच की मांग का प्रस्ताव रखा है।
जिसमें हिंदुस्तान के साथ बांग्लादेश, कनाडा, रूस, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन व जापान जैसे देश भी शामिल हैं। हालांकि, इन राष्ट्रों में अमेरिका का नाम शामिल नहीं है।
जिनपिंग ने ये बयान, जिनेवा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही, वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (World Health Assembly) की 73वीं सालाना मीटिंग में दिया है जो दुनिया स्वास्थ्य संगठन के निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है।
इस साल कोरोना वायरस की वजह से ये बैठक, सिर्फ दो दिन के लिए रखी गई है। ये मीटिंग ऐसे वक्त में हो रही है जब दुनियाभर में कोरोना के 48 लाख से ज्यादा मुद्दे सामने आ चुके हैं व तीन लाख 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जाहिर है, इस मीटिंग में कोरोना का मामला छाया रहा।