उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लिया ये बड़ा फैसला , जानकर बाकी नेता हुए हैरान

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत ने कुर्सी संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है । ‘सबसेे पहले मुख्यमंत्री तीरथ नेे हरिद्वार महाकुंभ में त्रिवेंद्र सिंह रावत के लगाई गई तमाम बंदिशों को खत्म करकेे साफ संदेश देे दिया कि अब उत्तराखंड मेंं मेरे बनाए गए नियम और फरमान चलेंगेे’ ।

त्रिवेंद्र सिंह के 4 साल जश्न से ठीक 9 दिन पहले यानी 9 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा । इसी के साथ उनके 4 साल पूरा होने के ‘जश्न ए कार्यकाल’ का भी फैसला पलट दिया गया। यहां हम आपको बता दें कि 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी । ‘

त्रिवेंद्र सिंह पिछले कई महीनों से छाती ठोक कर देवभूमि के सियासी गलियारों में कहते फिर रहे थे कि मैं 5 साल का कार्यकाल पूरा करूंगा, इसी इरादे से लेकर उन्होंने इस बार बहुत ही तैयारियों के साथ चुनावी बजट भी पेश किया था’ । लेकिन बजट पेश करने के ठीक अगले दिन उनकी विदाई की उल्टी गिनती शुरू हो गई ।

फिल्म वक्त की तर्ज पर ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अपनी सरकार के 4 साल पूरा होने पर कुछ ऐसे ही सपने सजाने लगे थे। लेकिन त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ पार्टी में गुटबाजी इतनी बढ़ गई कि भाजपा आलाकमान ने पल भर में ही उनके ‘सारे सपने ध्वस्त कर डाले’ । बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार को 3 दिन बाद यानी 18 मार्च को 4 साल पूरे हो जाएंगे ।

‘चार साल के जश्न को मनाने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत कई महीनों से तैयारियों में जुटे हुए थे । इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड के प्रशासनिक और अपने विधायकों के साथ सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में एक बड़े जश्न के आयोजन की रूपरेखा भी बना ली थी, इस जश्न की गूंज दिल्ली तक जाए इसके लिए उन्होंने बाकायदा झंडी, बैनर पोस्टर भी तैयार करने के आदेश दे दिए थे’ । कहा जाता है सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता, वैसे भी अधिकांश इंसान जो सोचता है वह होता नहीं है । सत्ता और सियासत में भी तस्वीरें बदलती रहती हैं।

बता दें कि बलराज के इस फिल्म में तीन बेटे, राजकुमार, सुनील दत्त और शशि कपूर बने थे। साहनी के इस संवाद के बाद ही फिल्म में एक बड़ी प्राकृतिक आपदा के रूप में तूफान आता है और सब कुछ बहाकर ले जाता है ।

जिसमें बलराज के सपनों के साथ उनका घर-द्वार और बच्चे, पत्नी सब बहकर बिछड़ जाते हैं। यानी वक्त ने ऐसा पलटा मारा, सभी उम्मीदें और आकांक्षाएं छीड़ हो गईं ।

साल 1965 में यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘वक्त’ । फिल्म में कलाकार बलराज साहनी ने रईस सेठ (लाला) का किरदार निभाया था । जब फिल्म शुरू होती है तब बलराज साहनी दोस्तों से कहते हैं कि मैं अपने तीनों बेटों को बड़ा आदमी बनाऊंगा ।