टीम इंडिया का ये खिलाडी बना ‘अंधविश्वासी’ , जानिए कैसे…

 क्रिकेट को हिंदुस्तान में धर्म समझा जाता है  खिलाड़ियों को भगवान इसका कारण खिलाड़ियों के द्वारा किया गया प्रदर्शन होता है, जिसके दम पर वे अपनी टीम को जीत दिलाते हैं  खुद भी नाम कमाते हैं

कई बार खिलाड़ी इस ‘अच्छे प्रदर्शन’ के लिए मेहनत, काबिलियत के अतिरिक्त कई तरह के टोटकों  अंधविश्वास पर भी निर्भर रहते हैं कोई खास रंग  नंबर को अपने साथ रखना पसंद करता है तो कोई अपनी पसंदीदा चीजों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, ताकि उन्हें असुरक्षा की भावना नहीं आए  वह अपने इन टोटकों से अच्छे प्रदर्शन का विश्वास हासिल कर सकें

क्रिकेट में भगवान का दर्जा पाने वाले भी इससे अछूते नहीं रहे हैं क्रिकेट बुक में लगभग हर रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले सचिन बल्लेबाजी के लिए जाने से पहले खास तरह का पैटर्न अनुसरण करते थे सचिन हमेशा अपने बाएं पैर में पहले पैड पहनते थे उन्हें लगता था कि इससे वे मैदान पर अच्छा करेंगे इसी तरह 2011 दुनिया कप से पहले सचिन ने अपना पसंदीदा बल्ला भी अच्छा करवाया था जिसे वो लकी मानते थे

सचिन के कई रिकॉर्ड तोड़ने वाले भी एक समय तक अंधविश्वास से घिरे हुए थे कोहली ने जब रनों का अंबार लगाने की आरंभ की थी, तब उन्होंने जो ग्लव्स पहने थे, कोहली लंबे समय तक उन्हें ही दोहराते रहे उन्हें लगता था कि इन्ही ग्लव्स के दम पर उनके बल्ले से रन निकल रहे हैं एक समय के बाद जब उन्हें यह अहसास हो गया कि उनकी प्रतिभा इस अंधविश्वास से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है तो उन्होंने इससे छुटकारा पा लिया

हिंदुस्तान के पूर्व कप्तानठीक सबसे पहले दाएं पैर में थाईपैड पहनना पसंद करते थे साथ ही अंधविश्वास के कारण राहुल कभी भी मैच में नए बल्ले से नहीं खेलते थे हम सभी जानते हैं कि द्रविड़ को दीवार बोला जाता था

अनिल कुंबले भी अपने करियर में एक समय इससे पीछे नहीं रहे कुंबले ने ऐतिहासिक फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाक के विरूद्ध एक टेस्ट मैच की एक पारी में सारे 10 विकेट लिए थे इस मैच में कुंबले जब भी गेंदबाजी करने जाते थे, तो सचिन को अपनी कैप  स्वेटर देते थे  पूर्व ऑलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ  उनके ‘लाल रुमाल’ का किस्सा भी बहुत ज्यादा प्रचलित है 1983 दुनिया कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच अमरनाथ मैदान पर जब भी फील्डिंग करने जाते थे तो वह अपनी जेब में लाल रुमाल रखते थे

भी टोटके आजमाने से पीछे नहीं रहे उनके गले में डला काला ताबीज इसकी गवाही था जिसे इस महान बल्लेबाज ने कभी नहीं उतारा फील्डिंग के दौरान कई बार अजहर को यह ताबीज चूमते हुए भी देखा जा सकता था खास बात यह थी कि अजहर जब भी बल्लेबाजी करने आते थे, तो वे अपने इस ताबीज को टी-शर्ट के बाहर ही रखते थे