अफगानिस्तान पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा तालिबान, महिलाओं ने उठाए हथियार

एक महिला ने कहा कि “वे अपने सैनिक भाइयों के साथ खड़े हैं और देश की व्यवस्था और संप्रभुता का समर्थन कर रही हैं।” तालिबान के खिलाफ हथियार उठाने वालों की संख्या अब तक स्पष्ट नहीं है।

रक्षा और आंतरिक मंत्रालयों ने कहा कि इन बलों को अंततः स्थानीय पुलिस, एनडीएस स्थानीय बलों और स्थानीय सेना बलों के साथ जोड़ा जाएगा। अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के कार्यवाहक मंत्री जनरल अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने कहा कि ”ऐसी स्थिति जो बाद में बुरे परिणाम को जन्म देंगी, उसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। वो पहले हमारा समर्थन करेंगी और फिर उन्हें पुलिस, सेना या स्थायीन एनडीएस बलों में शामिल कर लिया जाएगा।”

अफगानिस्तान के जिन हिस्सों में तालिबान की ताकत बढ़ रही है, उन इलाकों में आम लोगों ने तालिबान के खिलाफ हथियार अपने हाथों में ले लिए हैं। सबसे ताजा तस्वीर अफगानिस्तान की घोर महिलाओं की हैं।

अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार के समर्थन में और सुरक्षा बलों का साथ देने के लिए सैकड़ों घोर महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ हाथों में हथियार ले लिए हैं।

अफगानिस्तान से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उनमें घोर महिलाओं के हाथ में हथियार हैं। महिलाएं तालिबान का कितना सामना कर पाएंगी ये तो फिलहाल तय करना मुश्किल है लेकिन इतना तय है कि अफगानिस्तान की स्थिति आने वाले वक्त में काफी ज्यादा खराब होने वाली है।

अमेरिकी व नाटो सैनिकों की वापसी के बीच अफगानिस्तान के हालात बेहद बिगड़ गए हैं और आगे और खराब होने के आसार हैं। कई जिलों पर तालिबान के तेजी से हो रहे कब्जे के बीच देश गृहयुद्ध की कगार पर आ खड़ा हुआ है।

एक तरफ तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा करने के लिए हिंसक लड़ाई छेड़ दी है और दूसरी तरफ आम लोगों खासकर महिलाओं ने भी तालिबान के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं।

अफगानिस्तान से निकलकर जो तस्वीरें आ रही हैं वो काफी खतरनाक हैं और अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर चिंता पैदा करती हैं। पिछले दो दिनों में तालिबान ने जहां 20 जिलों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है ।