नागरिकता कानून को लेकर असम की महिला ने खोला बड़ा राज, कहा 15 दस्तावेज दिखाकर भी नहीं हुआ ये…

हाई कोर्ट ने महिला जावेदा बेगम की याचिका खारिज करते हुए कहा कि ‘बैंक खातों का विवरण, पैन कार्ड और भूमि राजस्व रसीद जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल नागरिकता साबित करने के लिए नहीं किया जा सकता है।’

जबकि असम प्रशासन द्वारा स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में भूमि और बैंक खातों से जुड़े दस्तावेजों को रखा गया है।

एनडीटीवी रिपोर्ट के मुताबिक असम में रहने वाली एक 50 वर्षीय महिला जो बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को पाल पा रही हैं, वह खुद को भारतीय नागिरक साबित करने की लड़ाई अकेले लड़ रही है।

पूरे देश में नागरिकता कानून (सीएए) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर मोदी सरकार को खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

ऐसे में असम का एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा। 50 साल की महिला ने अपनी और अपने पति की नागरिकता साबित करने लिए 15 तरह के दस्तावेज पेश किए, लेकिन वो फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में हार गईं .

नागरिकता साबित नहीं कर पाईं। महिला ने जब इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वहां भी हार गई। महिला का नाम जावेदा बेगम है।