सुशांत ने नहीं की थी आत्महत्या, सामने आए इतने लोग, बताया…

अगर लोग यह सोचते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत को फिल्में नहीं मिल रही थी तो मैं आपको बता दूं कि फिल्म  निर्माता आनंद गांधी अपने फिल्म इमरजेंसी के लिए सुशांत सिंह राजपूत को साइन कर चुके थे।

 

दरअसल इरफान खान की मौत के बाद उन्होंने सुशांत को अपनी फिल्म में हीरो बनाया था। साथ ही इमरान जाफरी ने भी उन्हें अपनी फिल्म में लीड रोल दिया था।एक हफ्ते पहले ही उनकी एक्समैनेजर ने भी चौधरी मंजिल से छलांग मारकर आत्महत्या कर ली थी पूर्णविराम यही नहीं बल्कि उनके और दो साथियों ने आत्महत्या की थी(मनमीत ग्रेवल,प्रेक्षा मेहता)। हालांकि हमे पता नहीं कि वह सुसाइड था या कुछ और।

उन्होंने कहा कि पुलिस के अनुसार सुशांत ने 9:00 पर अपनी बहन से बात की और 9:30 में अपने रूम से निकलकर अनार का जूस पिया।

वाकई में, शायद जूस पीने के बाद उनका मूड चेंज हो गया हो। उन्होंने फिर लिखा कि सुशांत को लटके हुए देखते समय घर में सिर्फ 3 लोग थे और तीनों ने यह कहा कि सुशांत पर्दे की मदद से लटके हुए थे। लेकिन उनकी गले पर जो निशान बना है वह किसी प्लास्टिक के रस्सी का है।

ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि उन्होंने डिप्रेशन की वजह से खुदकुशी कर ली। यहां तक कि अगर वे डिप्रेशन में होंगे भी तो कोई उनकी इस हालत के पीछे रहकर हत्या की साजिश भी बन सकता है।

आगे उन्होंने इशारा करते हुए कहा कि ऐसी भी बात है जिसमें सुशांत सिंह राजपूत के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें बॉलीवुड से बैन कर दिया गया और वह सिर्फ अब टीवी शो या वेब सीरीज ही कर सकते हैं।रात में सुशांत सिंह राजपूत अपने दोस्तों के साथ पार्टी भी की थी और वे लगातार अपने परिवार से संपर्क में भी

हम कह नहीं सकते।इस वाक्य से वह ये चाहती है यह क्या कोई व्यक्ति 9:00 बजे किसी से अच्छी तरीके से बात करते हैं आधे घंटे बाद जूस पीते हैं और फिर उसके एक से डेढ़ घंटे बाद खुदकुशी कर लेते हैं क्या यह संभव है कि क्या कोई जूस पीकर मरने जाए।

फिर उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने मरने की वजह लटकना बताया लेकिन मरने की वजह दम घुटना भी हो सकती है और यह कानून के साथ खिलवाड़ है।हालांकि यह जांच का विषय है।

उन्होंने कहा कि पुलिस वैसे ही चीजों को जल्द सुलझाने की कोशिश करती है ताकि उनकी नंबर ऑफ सॉल्व्ड केसेस बढ़ सके जो कि कभी-कभी सच के साथ भी नाइंसाफी हो जाता है।

सूशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर अब नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में एक अधिवक्ता ने ट्विटर पर ट्वीट करके कुछ जानकारियां शेयर की है जिसके अनुसार सुशांत सिंह राजपूत की हत्या नहीं बल्कि हत्या हुई थी।

जो व्यक्ति कर सकता है वह कभी डूब के नहीं मर सकता वैसे ही जो व्यक्ति अपने हाथों पर खड़ा हो सकता है वह कभी फांसी नहीं लगा सकता। इससे उनका मतलब यह था कि संत सिंह राजपूत अपने हाथों में खड़े होने की क्षमता रखते थे इसलिए अगर उनका दम जैसे घुटने लगता वे अपने हाथों से रस्सी को खींच कर उस पर लटक जाते और फंदा खोल लेते।