‘मजबूत घरेलू मांग भारत की विकास दर को सहारा दे रही’, मॉर्गन स्टैनली का महंगाई पर यह अनुमान

घरेलू मांग से मिल रहे समर्थन को देखते हुए मॉर्गन स्टैनली भारत की मजबूत वृद्धि दर के प्रति आश्वस्त है। वैश्विक निवेश बैंकिंग फर्म ने कहा कि यह भारतीय विकास के दृष्टिकोण पर रचनात्मक बना हुआ है। मॉर्गन स्टैनली का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.8 प्रतिशत और 2025-26 में 6.5 प्रतिशत रहेगी।

फर्म के अनुसार देश में खुदरा महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए उठाए गए कदमों का लाभ मिलेगा। एजेंसी ने अनुमान जताया है कि 2024 की दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत के आसपास बनी रहेगी। वहीं साल की दूसरी छमाही यह कम होकर सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। एजेंसी को उम्मीद है अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहेगी।

एजेंसी के अनुसार, देश का चालू खाता घाटा भी स्थिर रह सकता है। सेवा क्षेत्र में निर्यात बढ़ने से इसमें मदद मिलेगी। मॉर्गन स्टैनली के अनुसार 2025-26 में चालू खाता घाटा जीडीपी के 1-1.5 प्रतिशत के दायरे में रह सकता है जो कि नीति निर्माताओं के लिए राहत वाला स्तर होगा।

मौद्रिक नीति पर मॉर्गन स्टैनली ने उम्मीद जताई है कि नीतिगत दरें इस समय 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहेंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा वैश्विक मोर्चे पर फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों की कटौती में देरी करने, उत्पादकता वृद्धि में सुधार होने, बढ़ती निवेश दर और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर रहने के कारण है। मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों के लिए मुख्य चिंता बनी हुई है। एमपीसी ब्याज दरों में किसी भी कटौती के लिए आगे बढ़ने और अपना रुख ढीला करने से पहले महंगाई के मोर्चे पर आश्वस्त होना चाहती है।

भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में क्रमशः 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी। दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2023-24 में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसका कारण घरेलू मांग में आया उछाल रहा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक के अनुसार, भारत 2024 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा।