SP-BSP गठबंधन पर कांग्रेस का बयान

एसपी-बीएसपी गठबंधन पर कांग्रेस की तरफ से पहला बार कोई बयान सामने आया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस अपमान को जनता देख रही है। हम सब को साथ लेकर चलने वाले दल हैं। एसपी-बीएसपी के साथ और कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने से गैर-बीजेपी वोटों का विभाजन होगा।

सूत्रों ने बताया कि इस गठबंधन में शामिल होने के लिए कांग्रेस 20 सीट मांग रही थी, जबकि सपा और बसपा उनको 5 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी। इसीलिए कांग्रेस ने खुद को गठबंधन से अलग करने का निर्णय किया। अब जो खबर सूत्रों से मिल रही है, उसके अनुसार, बसपा 38, सपा 37, आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा अपने कोटे से निषाद पार्टी और पीस पार्टी को एक-एक सीट देगी। निषाद पार्टी गोरखपुर की सीट से चुनाव लड़ेगी और पीस पार्टी को खलीलाबाद लोकसभा सीट दिया जाएगा। इसके अलावा महागठबंधन की ओर से दो सीटों रायबरेली और अमेठी पर प्रत्याशी नहीं उतारा जाएगा। इसी के साथ अगर ओम प्रकाश राजभर एनडीए छोड़कर आते हैं तो सपा उन्हें भी अपने कोटे से दो सीट देगी।

हालांकि जो खबर मिल रही है, उसके अनुसार, अजित सिंह की पार्टी RLD भी सपा-बसपा गठबंधन से थोड़ी नाराज है। उसकी नाराजगी की वजह सीट बंटवारा है। बताया जा रहा है कि RLD को 3 सीट देने का प्रस्ताव है, जबकि उसकी 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग है।

आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने लिए 23 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर सपा-बसपा एक बार फिर गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करने जा रहे है। 1993 में मुलायम-कांशीराम की जोड़ी ने बीजेपी को पटखनी दी थी1 अब 2019 में बीजेपी को हराने के लिए अखिलेश-मायावती की जोड़ी तैयार है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2019 में 1993 जैसे हालात नहीं है। यही वजह है कि माया-अखिलेश वाले इस गठबंधन के लिए 25 साल पहले जैसे नतीजे दोहराना बड़ी चुनौती माना जा रहा है।