पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लेकर बिग डेटा एनालिटिक्स और ऑटोनॉमस सिस्टम से लेकर 3डी प्रिंटिंग तक, हम भारत के कल के लिए रिसर्च और टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं.
21 वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं और क्षमताओं को इस एक्सपो में अच्छी तरह से चित्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत में रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण का सपना देखा था और इसके लिए कई कदम उठाए थे.
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंस उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की. 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गये थे. बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है.
यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. हम आज भारत में आर्टिलरी गन, एयरक्राफ्ट कैरियर, सबमरीन, लाइट-कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और लड़ाकू हेलीकॉप्टर जैसे उपकरणों के कई रक्षा टुकड़े बना रहे हैं.
चार दिवसीय डिफेंस एक्सपो 2020 उत्तर प्रदेश की राजधान लखनऊ में बुधवार 5 फरवरी से शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका विधिवत उद्घाटन कर दिया है.
रक्षा उपकरणों के कारोबारियों के इस चार दिवसीय समागम में 70 से ज्यादा देशों की 1028 कंपनियां अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन कर रही हैैं.
इनमें 856 भारतीय और 172 विदेशी कंपनियां हैं. इस चार दिवसीय आयोजन में 39 देशों के रक्षा मंत्री भी शिरकत कर रहे हैं. इस मौके पर श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद और साइबर खतरों का गलत इस्तेमाल चुनौती बाधा हैं.