सोनिया गांधी ने दिया ये बड़ा बयान, कहा पहली बार दिखा…

अपने वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा, करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखाने बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं.

 

यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ. पहले दिन से ही, कांग्रेस ने, अर्थशास्त्रियों ने, समाजशास्त्रियों ने समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि यह वक्त आगे बढ़कर घाव पर मरहम लगाने का है.

मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार को सबकी मदद करनी चाहिए. न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने लागू करने को तैयार नहीं है.

गौरतलब है कि कोरोना लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों से लेकर बेरोजगारी तक के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.

स्पीकअप इंडिया कार्यक्रम का आगाज करते हुए करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा दर्द का मंजर दिखा. मजदूर नंगे पांव सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर जाने को मजबूर हैं.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बीजेपी 30 मई को बड़ा ऑनलाइन जलसा करने वाली है. उससे पहले कांग्रेस ने देशभर में स्पीक अप इंडिया अभियान शुरू कर दिया है.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऑनलाइन आंदोलन के माध्यम से मज़दूरों की समस्या को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

मजदूरों की सिसकियां सबने सुनीं, लेकिन सरकार ने नहीं. केंद्र सरकार से अनुरोध है कि खजाने का ताला खोले, जरूरतमंदों को राहत प्रदान करें.

हर गरीब परिवार को 7500 रुपये प्रति महीने दिया जाए उनमें से 10,000 फौरन मिले. साथ ही प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने का प्रबंध किया जाए.