6 साल बाद इस देश पर हुआ ताबड़तोड़ हमला , मारे गए इतने…

ब्रिटिश सरकार का जोर अब और ड्रोन सेना में शामिल करने पर है। ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस ने बताया है कि मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) भविष्य में युद्ध में ब्रिटिश सैनिकों की जगह ले सकते हैं।

 

इन हमलों में सफलता के बाद ब्रिटेन सेना में ड्रोन्स के इस्तेमाल की मांग बढ़ गई है। ब्रिटिश रक्षा सचिव का कहना है कि अब युद्ध की वैश्विक तस्वीर बदल चुकी है।

दावा किया जाता है कि यह ड्रोन 27 घंटे से भी ज्‍यादा समय तक उड़ सकता है। MQ-9 रीपर ड्रोन 444.5 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसके एक बार में 12 मूविंग टारगेट्स को ट्रैक किया जा सकता है।

रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 2014 के बाद से एमक्यू-9 रीपर ड्रोन ने कम से कम 4,107 बार उड़ाने भरी है। आईएसआईएस का खूंखार आतंकी मोहम्मद इवाजी(जिहादी जॉन) भी ब्रिटेन हमले में ही मारा गया था। जिहादी जॉन ने बड़ी संख्या में बंधकों का गला काटा था।

ब्रिटिश एयरफोर्स ने ये सभी हमले एमक्यू-9 रीपर अनमैंड एरियल व्हीकल (ड्रोन) से किए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इन हमलों के लिए ब्रिटिश एयरफोर्स का जवान को सीरिया या इराक नहीं पाड़ा। ये सभी हमलों को ब्रिटेन में बने कमांड एंड कंट्रोल बंकरों से अंजाम तक पहुंचाया गया है। ब्रिटेन ने इन ड्रोन्स को अमेरिका से खरीदा हुआ है।

ब्रिटेन ने इराक और सीरिया में आईएसआईएस को तबाह कर दिया है। ब्रिटिश एयरफोर्स ने बीते 6 साल में आईएसआईएस के 1400 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है।

यूके रॉयल एयर फोर्स (RAF) के ड्रोन हमलों में ये सभी आंतकी मारे गए हैं। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने यह आंकड़ा जारी किया है। मंत्रालय ने इसका आधार फोटोग्राफिक साक्ष्य और पीछे छोड़े गए मलबे को बताया है।