शत्रुघ्न सिन्हा का बड़ा बयान , बताया इस वजह से छोड़ी भाजपा

भाजपा छोड़ने के सवाल पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी एक गलत फैसला था, गलत जीएसटी देश हित में नहीं थी, जिसके बाद मैंने आवाज उठानी शुरू की,उसका नतीजा यह हुआ कि जब बिहार की राजधानी पटना में चुनाव हो रहा था.

तो मुझसे चर्चा किए बगैर, मुझे बताए बिना दूसरे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा गया, यह सैद्धांतिक रूप से ठीक नहीं था और यही वजह है कि मैंने भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस के साथ आ गया। बिहार में कांग्रेस की हार के बारे में बिहार चुनाव के बारे में सिन्हा ने कहा कि सीटों का चयन और बंटवारे में मैं शामिल नहीं था।

सिन्हा ने कहा कि सीटों के आधार पर और जीत के आधार पर ही आप आंकलन नहीं कर सकते हैं। कई बार फैसले गलत होते हैं। जिस तरह से पिछले दो-तीन चुनाव में ईवीएम मशीन का ड्रामा हुआ,जैसा कि आपने बिहार और बंगाल में देखा है।

आज भी सुप्रीम कोर्ट में पिछले लोकसभा चुनाव में 349 सीटों पर गड़बड़ी का मामला लंबित है। लालू यादव की वापसी को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि लालू जमीन से जुड़े नेता हैं, उनकी लोगों में जबरदस्त पकड़ है।

लालू यादव के सामने आने के बाद एक जबरदस्त राजनीति में उछाल आएगा। वहीं कृषि कानूनों पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं तो किसानों से कह रहा था कि आप ये इन नेताओं से क्यों बात कर रहे हैं आप सिर्फ दो नेताओं (नरेंद्र मोदी, अमित शाह) से बात करें उसके अलावा किसी से भी बात करने का कोई मतलब नहीं है।

भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश की आजादी में सबसे ज्यादा योगदान रहा है, जो जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी की पार्टी रही है, जिस पार्टी में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे हीरो रहे इसलिए मैंने कांग्रेस का हाथ थामा।

जब मुझे लगा कि भाजपा वो पार्टी नहीं रही, ये पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी वाली पार्टी नहीं रही, इस पार्टी में प्रोपेगेंडा चल रहा है,कुछ लोगों ने पार्टी को घेर लिया है, तमाम संस्थाओं को इन लोगों ने अपने हाथ में ले लिया, मीडिया को भी अपने हाथ में ले लिया, जिसके बाद मैंने फैसला किया कि अब पार्टी छोड़ने का समय आ गया है।

भाजपा को छोड़ने के सवाल पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मेरा लालन-पालन ही भाजपा में हुआ है, मैं अटल जी, आडवाणी जी के लिए बहुत सम्मान है।

आज भी मेरी दोस्ती और प्यार भाजपा के बहुत लोगों है। मैं कहता था कि भाजपा मेरी पहली और आखिरी पार्टी है, लेकिन कुछ मजबूरी की वजह से मुझे जाना पड़ा। दो-चार लोगों के प्रति मेरी जो भी भावना है उसे छोड़कर पार्टी के अन्य लोगों से मेरा अच्छा संबंध हैं।