महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना अब ‘सेक्युलर’ बनने तक को तैयार है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हिंदुत्व का राग अलापने वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि शिवसेना तो पहले से ही सेक्युलर है।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के सामने उग्र हिंदुत्व को छोड़कर “सेक्युलर” होने की शर्त रखी थी।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार रात को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से वार्ता हुई। जिसमें पवार ने “कॉमन मिनिमम प्रोग्राम” के तहत शिवसेना से सेक्युलर रहने की बात की। शिवसेना नेता ने इसपर सहमति भी जता दी है। यानि सरकार बनाने के लिए शिवसेना किसी भी तरह के शर्त मानने से परहेज नहीं कर रही है।
इस मुद्दे को लेकर अब माना यह जा रहा है कि इससे पहले शायद कांग्रेस पार्टी व NCP के दबाव में ही उद्धव ठाकरे ने इस महीने अयोध्या जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया था।
अब सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए शिवसेना अपने हिंदुत्व के विचाधारा से समझौते को भी तैयार हो जाएगी। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में एनसीपी व शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस ने निर्णय कर लिया है।
गुरुवार को कांग्रेस पार्टी कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की मीटिंग हुई, जिसमें शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन के मामले पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार सीडब्ल्यूसी ने शिवसेना संग गठबंधन को हरी झंडी दे दी है। कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमने एनसीपी के साथ अपनी वार्ता के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी है। “