बड़ी खबर : जल्द बंद होने जा रही स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड, केंद्र सरकार ने दिया ये…

अधिकारी ने बताया कि वीआरएस/वीएसएस का विकल्प नहीं चुनने वाली कर्मचारियों को औद्योगिक विवाद कानून, 1947 के तहत हटाया जाएगा। कंपनी की 147.49 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को आपसी सहमति वाली दरों पर लौटाई जाएगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में समय लगने की संभावना है।

स्कूटरों को बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की ऑटोमोबाइल कंपनी स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड जल्द बंद होने जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को हुई बैठक में लखनऊ की कंपनी स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दे दी है।

 

एक अधिकारी ने बताया कि स्कूटर्स इंडिया के ब्रांड नाम को अलग से बेचा जाएगा, क्योंकि कंपनी के पास लम्ब्रेटा, विजय सुपर, विक्रम और लैम्ब्रो जैसे मशहूर ब्रांड हैं। कंपनी विक्रम ब्रांड के तहत कई प्रकार के तीन पहिया वाहनों को बनाती है। कंपनी को बंद करने के प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी के बाद भारी उद्योग मंत्रालय इसको बंद करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

कंपनी बंद करने के लिए चाहिए 65.12 करोड़ रुपये
सूत्रों ने बताया कि स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड को बंद करने के लिए 65.12 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह राशि सरकार से ऋण के रूप में ली जाएगी। प्रस्ताव के तहत यह कोष उपलब्ध होने के बाद कंपनी के नियमित कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना/स्वैच्छिक पृथकीकरण योजना (वीआरएस/वीएसएस) की पेशकश की जाएगी। लखनऊ मुख्यालय वाली कंपनी के करीब 100 कर्मचारी हैं।