सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिया ये बड़ा झटका , जानकर चौक जाएंगे आप

पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से आग्रह किया है कि उन्हें कश्मीर विवाद के स्थायी समाधान के लिए प्रयासों में तेजी लानी चाहिए.

 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्यूयॉर्क में ओआईसी कॉन्टैक्ट ग्रुप की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीरियों की उम्मीदें अब ओआईसी और मुस्लिम एकता पर ही टिकी हुई हैं. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि संयुक्त राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण मंचों मसलन यूएन महासभा और ह्यूमन राइट्स काउंसिल पर इस मुद्दे को उठाया जाना चाहिए.

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा की इसी हफ्ते हुई बैठक में तुर्की के सिवा किसी भी मुस्लिम देश ने कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया और अब पाकिस्तान इस्लामिक सहयोग संगठन में इसकी शिकायत करता नजर आ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में ईरान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों की तरफ से कश्मीर का कोई जिक्र नहीं हुआ. वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इस मुद्दे को छेड़ा था लेकिन उनका रुख भी पिछली बार की तरह उतना आक्रामक नहीं था.

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर में 74 सालों से जारी समस्या को दोनों देशों को संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए और इसे यूएन के प्रासंगिक प्रस्तावों के जरिए सुलझाने की कोशिश होनी चाहिए.

शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एक व्यापक और रिसर्च किया हुआ डोजियर जारी किया है. इस डोजियर में भारतीय सेना द्वारा कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के बारे में बात की गई है.

उन्होंने कहा कि 131 पेजों के डोजियर में भारत के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए वॉर क्राइम के 3,432 पीड़ितों के खाते शामिल हैं. वीडियो और ऑडियो के माध्यम से हमने लंबे समय में इन अपराधों के सबूतों को इकट्ठा किया है.

उन्होंने ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल से आग्रह किया कि इस डोजियर को संगठन के सभी सदस्यों में बांटा जाए और व्यापक तौर पर इसे प्रसारित किया जाए. उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि कश्मीरी लोगों की इच्छा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार जब तक जम्मू-कश्मीर विवाद का समाधान नहीं होगा तब तक दक्षिण एशिया में कोई शांति नहीं होगी.