संजय राउत ने खोला बीजेपी का ये बड़ा राज, कहा 1979 की तरह वो…

शिवसेना (Shiv Sena) के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने रविवार को बोला कि पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी  ”बचकानी टिप्पणियां” महाराष्ट्र में बीजेपी को ले डूबी  फडणवीस को विपक्ष में बैठना पड़ गया.

 

राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना में अपने ‘रोखठोक स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार  कांग्रेस पार्टी नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है.

बिना किसी का नाम लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने बोला कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे ”भीड तंत्र के आगे नहीं झुका.” ‘सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने बोला कि जरूरी यह है कि उद्धव ठाकरे ताकतवर ”मोदी-शाह” के दबदबे को समाप्त कर सत्ता में आए.

उन्होंने भरोसा जताया कि ”यह सरकार (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) पांच वर्ष तक चलेगी.

राउत ने कहा, ”मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महा विकास आघाडी सरकार बनने के बाद राकांपा प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं.

राज्यसभा मेम्बर ने बोला कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फडणवीस ने इस तरह की ”बचकानी टिप्पणियां की कि प्रदेश में कोई विपक्षी दल नहीं बचेगा, शरद पवार का काल समाप्त हो रहा है  प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन आघाडी मुख्य विपक्षी दल होगा.

उन्होंने कहा, ”लेकिन वह (फडणवीस) खुद विपक्षी नेता बन गए. उन्होंने बोला कि फडणवीस ने बोला था कि वह वापस लौटेंगे लेकिन सत्ता में आने की उनकी जल्दबाजी 80 घंटे के भीतर बीजेपी को ले डूबी.

राउत ने कहा, ”जरूरत से अधिक आत्मविश्वास  उनके (फडणवीस) दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं पर भरोसे ने उनकी पॉलिटिक्स तबाह कर दी. पिछले महीने के घटनाक्रम ‘सिंहासन फिल्म की नई पटकथा जैसी लगती है.

वह उसी नाम की 1979 में आयी मराठी फिल्म का जिक्र कर रहे थे जो दिवंगत लेखक अरुण संधू के उपन्यास ‘सिंहासन   ‘मुंबई दिनांक पर आधारित थी. राउत ने बोला कि महाराष्ट्र गवर्नर के ऑफिस ने फडणवीस  राकांपा नेता अजित पवार की 80 घंटे की सरकार में ”खलनायक की किरदार निभाई.

उन्होंने कहा, ”राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बार मुझसे बोला था कि वह संविधान की रूपरेखा के इतर जाकर कुछ भी नहीं करेंगे. लेकिन बाद में उन्होंने जल्दबाजी में देवेंद्र फडणवीस  अजित पवार को शपथ दिला दी. ऐसा लगता है कि ‘आलाकमान से मिले आदेश ने बड़ी किरदार निभाई. ‘आलाकमान से उन्होंने केन्द्र का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र किया.

उन्होंने बोला कि बीजेपी को समर्थन देने की अजित पवार की ‘बेचैनी शिवसेना, राकांपा  कांग्रेस पार्टी को समीप लेकर गई  उन्होंने गठबंधन बनाया. उन्होंने बोला कि इससे बगावत करने वाले राकांपा के अन्य विधायकों पर भी दबाव बना  हर किसी के शरद पवार के पास लौटने से उनके भतीजे अजित पवार भी लौट आए. राउत ने कहा, ”अगर शरद पवार आगे नहीं आते तो यह गठबंधन कभी नहीं हो पाता.

उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी में हर किसी को शिवसेना से हाथ मिलाने को लेकर संशय था. शरद पवार ने ही सोनिया गांधी से बोला कि शिवसेना निर्माणकर्ता दिवंगत बाल ठाकरे के पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के साथ मित्रवत् संबंध थे.

राउत ने बोला कि शिवसेना ने देश में आपातकाल के बाद हुए प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था. शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रतिभा पाटिल  प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था.

शिवसेना नेता ने कहा, ”मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय भी शिवसेना को वोट देता है इसलिए पार्टी शहर के नगर निकाय चुनाव जीतती आ रही है. शरद पवार ने यह भी सोनिया गांधी को बताया.