रूस ने अब यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर किया कब्जा, जाने पूरी खबर

यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस ने अब यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट पर कब्जा जमा लिया है। इसके साथ ही यूक्रेन की राजधानी कीव पर भी अब बमबारी शुरू हो चुकी है।

यूक्रेन फिलहाल इस जंग में बैकफुट पर नजर आ रहा है, लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस लड़ाई को नैरेटिव पर लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में वह आज अमेरिकी सीनेट यानी संसद के उच्च सदन को संबोधित करेंगे। इससे पहले वह यूरोपियन यूनियन की पार्लियामेंट को भी संबोधित कर चुके हैं। जेलेंस्की जूम कॉल पर सीनेट को संबोधित करेंगे। यूक्रेन के आग्रह पर सीनेट की यह मीटिंग बुलाई गई है।

इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी सूचना वारफेयर की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एक तरफ उन्होंने देश में फेसबुक और ट्विटर पर बैन लगा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सेना के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने वालों को 15 साल की सजा का ऐलान किया है।

इस संबंध में लाए गए विधेयक पर व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को हस्ताक्षर कर दिए। यही नहीं सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विशेष सत्र भी बुलाया गया है, जिसमें यूक्रेन में खड़े हुए मानवीय संकट पर चर्चा की जाएगी। हालांकि इस जंग में यूक्रेन को नाटो से बड़ा झटका लगा है। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो से मांग की थी कि यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित किया जाए। लेकिन इसे नाटो ने खारिज कर दिया है।

इस पर जेलेंस्की ने कहा कि इस तरह से आपने यूक्रेन में जारी हवाई हमलों को एक तरह से हरी झंडी दे दी है। यूक्रेन पर फरवरी के आखिरी सप्ताह में हुए हमले के बाद से अब तक करीब 12 लाख लोग देश छोड़कर पलायन कर चुके हैं।

अमेरिका ने कहा कि रूस की ओर से न्यूक्लियर प्लांट पर अटैक किया जाना घोर लापरवाही है। गौरतलब है कि रूस पर माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, ट्विटर, फेसबुक और गूगल समेत कई टेक कंपनियों ने कड़ी पाबंदियां लगाई हैं। यूट्यूब की ओर से रूस के सरकारी टीवी चैनलों रशिया टुडे और स्पूतनिक के चैनलों को ब्लॉक कर दिया है।