आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर बिहार में हंगामा, पटना सहित कई जगहों पर उपद्रव

आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से बिहार में हंगामा बरपा हुआ है। राजधानी पटना सहित कई जगहों पर उपद्रव, तोड़फोड़, ट्रेनों में आगजनी जैसी घटनाओं के बाद आज बिहार बंद का आयोजन किया गया है।

रेल मंत्रालय की ओर से छात्रों की मांगों को मंजूर कर लिए जाने के बावूजद हो रहे विरोध प्रदर्शन में छात्रों से कहीं अधिक विपक्षी दलों के कार्यकर्ता दिख रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुआई में महागठबंधन के घटक दलों के कार्यकर्ता पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, औरंगाबाद समेत बिहार के सभी छोटे-बड़े शहरों में जगह-जगह प्रदर्शन और मनमानी कर रहे हैं।

बिहार में जब युवा सड़कों पर हैं और आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, इनकी आड़ में उपद्रवी माहौल बिगाड़ने की ताक में दिख रहे हैं। ऐसे में जो बात सबसे अधिक हैरान करती है वह है मुख्यमंत्री से लेकर नेता विपक्ष की चुप्पी। आरजेडी कार्यकर्ता भले ही सड़कों पर उतरकर जगह-जगह प्रदर्शन और हंगामा कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिछले एक पखवाड़े से सियासी मैदान से दूर दिख रहे हैं। हाल ही में शादी के बंधन में बंधे तेजस्वी यादव सोशल मीडिया और ट्विटर से भी दूर हैं। तेजस्वी यादव ने 1 जनवरी को नए साल की शुभकामनाएं देने के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया है।

3 जनवरी को आखिरी बार उन्होंने एक रिट्वीट किया था। लेकिन उसके बाद से लगातार उनके ट्विटर हैंडल पर सन्नाटा है। छात्र आंदोलन के बीच तेजस्वी यादव की चुप्पी इसलिए भी अधिक हैरान करती है, क्योंकि वह लगातार खुद को युवाओं के नेता के रूप में पेश करते रहे हैं।

छात्रों के इस आंदोलन में जहां विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के सक्रिय होने की उम्मीद की जा रही है तो वहीं उनकी जगह खान सर और पटना के दूसरे कुछ कोचिंग संचालक लेते दिखे हैं। छात्रों को उकसाने के आरोप से इनकार कर रहे खान सर इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। हालांकि, छात्रों को उकसाने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं, तेजस्वी के छोटे भाई तेज प्रताप जरूर कुछ हद तक सक्रिय दिख रहे हैं। वह लगातार सोशल मीडिया के सहारे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

एक तरफ जहां विपक्ष के नेता आंदोलन से दूर हैं तो दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अब तक चुप्पी साध रखी है। 25 जनवरी से ही चल रहे आंदोलन को लेकर अब तक उनकी तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। राज्य के अभिभावक के रूप में अब तक ना तो उन्होंने छात्रों से शांति की अपील की है और ना ही उपद्रव पर कुछ प्रतिक्रिया दी है।

हालाकिं, उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने गुरुवार को कहा कि बिहार और यूपी में छात्रों का उत्तेजक होना आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया व परिणाम में गड़बड़ी के विरुद्ध प्रतिक्रिया है। रेलवे भर्ती बोर्ड की गड़बड़ियों को देखने के लिए जांच कमिटी बनाई गई है। छात्रों/उम्मीदवारों के साथ अतिशीघ्र न्याय की उम्मीद करता हूं। उन्होंने खान सर से भी केस वापस लेने की मांग की।