रातो – रात इस देश पर मेहरबान हुआ चीन, दिए कई…

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नेपाल में एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, महामारी के पहले यहां रोज 500 से अधिक विमान आते-जाते थे. लम्बे समय में इस हवाई अड्डे की मरम्मत नहीं हुई.

जिससे सुरक्षा का खतरा मौजूद है. साल 2018 के आखिर में चीनी विमानन प्रौद्योगिकी इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कंपनी ने त्रिभुवन हवाइ अड्डे के रनवे और चिकनी सड़क की मरम्मत कार्य शुरू किया और एक साल बाद यानी 2019 के अंत में पूरा कार्य समाप्त किया, जो अनुबंध अवधि से 128 दिन पहले थे. महामारी की वजह से हवाई अड्डे की मरम्मत कार्य में रुकावट आयी.

इस कंपनी के अध्यक्ष चाओ एनयोंग ने कहा कि हिमालय एयरलाइंस (Himalya Airlines) ने वायु रेशम मार्ग स्थापित किया. महामारी चीन और नेपाल के बीच आदान-प्रदान और संपर्क को नहीं रोक सकती है.

उन्हें आशा है कि इस हवाई रेशम मार्ग के माध्यम से चीनी और नेपाली जनता के बीच मित्रता ज्यादा मजबूत होगी.नेपाल में कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौर में ‘बेल्ट एंड रोड’ परियोजनाओं के निर्माण में जुटे चीनी पूंजी वाले उद्योगों ने नेपाल को सहायता दी है.

इसी तरह चीन की कई कंपनियां विकास के काम में जुटी हैं. चीन और नेपाल की संयुक्त पूंजी वाली कंपनी हिमालय एयरलाइंस की स्थापना 2014 में हुई.

जिसका मुख्यालय काठमांडू में है. महामारी के मुकाबले के दौरान हिमालय एयरलाइंसनेपाल और चीन के बीच चिकित्सा सामग्रियों की आवाजाही वाले दायित्व उठा रहा है.