अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पहले शुरू होगा ये काम

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अप्रैल 2020 में प्रारम्भ होकर वर्ष 2022 तक पूरा होने कि सम्भावना है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह समाचार दी है.

उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर को दिए निर्णय में विवादित धरती को हिंदुओं को देकर इस पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. अपने निर्णय में न्यायालय ने केन्द्र सरकार को यह आदेश भी दिया कि वो 3 महीने के अंदर योजना बनाए  मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे.

एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है- इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि नया ट्रस्ट बनाया जाए या फिर पुराने रामजन्मभूमि न्यास में ही नए मेम्बर शामिल कर लिए जाएं. इन सूत्रों ने बताया है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी)  बजरंग दल भी राम मंदिर ट्रस्ट का भाग हो सकते हैं, हालांकि सदस्यों को लेकर आखिरी निर्णय पीएम ऑफिस ही करेगा. सबसे बड़ा टकराव जो प्रस्तावित ट्रस्ट के सामने आने की आसार है, वो मंदिर निर्माण के लिए कई संगठनों, ट्रस्टों  धार्मिक समूहों द्वारा फंड जमा करने से संबंधित है.

मुख्य मामला यह होगा कि क्या ये फंड जमाकर्ता नए ट्रस्ट को पैसा सौंपने के लिए तैयार होंगे  वे पिछले 27 वर्षों के दौरान जमा किए गए करोड़ों रुपये के लिए जवाबदेह होंगे. एएनआई के मुताबिक, वीएचपी का मानना है कि राम मंदिर का निर्माण सरकारी पैसे के बजाए जनता के चंदे से होना चाहिए. वहीं न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी कानून, गृह मंत्रालय  संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों से उच्चतम न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करने  प्रस्तावित ट्रस्ट के तौर-तरीकों पर जल्द से जल्द कार्य करने को कह चुके हैं. इस बीच ट्रस्ट में स्थान पाने को लेकर संतों  कई हिंदू संगठनों के बीच होड़ प्रारम्भ हो गई है.