राकेश टिकैत ने किया ये ट्वीट , किसान आंदोलन को करने को कहा ये…

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ”प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने का कोई भी मौका छोड़ा नहीं जा रहा. हालांकि, उनकी नीति इस बार भी नाकाम होगी.” बयान में कहा गया, ”किसान जो मांग रहे हैं.

वह यह है कि उनके आजीविका के मौलिक अधिकार की रक्षा की जाए. लोकतंत्र में यह अपेक्षा की जाती है कि सरकार उनकी जायज मांगों को मान लेगी. इसके बजाय, भाजपा नेतृत्व वाली सरकार अनावश्यक रूप से आंदोलन को लंबा खींच रही है, इसे बदनाम कर रही है और उम्मीद कर रही है कि यह ऐसे ही खत्म हो जाएगा. यह नहीं होने वाला है.”

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ”बदनाम” कर रही है और अगर सरकार उम्मीद कर रही कि आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं होने वाला.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. एसकेएम ने दावा किया कि कई राज्य सरकारें आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी हैं तथा आंदोलन से जुड़ने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल पर और किसान पहुंच गए हैं.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को तेज करने की बात कही है. टिकैत ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, “सरकार मानने वाली नहीं है. इलाज तो करना पड़ेगा. ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो.

जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा.” इससे एक दिन पहले भी राकेत टिकैत ने कहा था कि केंद्र सरकार यह गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसान तभी वापस जाएगा, जब मांगें पूरी हो जाएंगी. हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और एमएमसी पर कानून बने. बता दें कि कोरोना संकट के बीच दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. राजधानी दिल्ली से लगी सीमा पर किसानों के प्रदर्शन को 200 से ज्यादा दिन हो गए हैं.