अयोध्या मुद्दे पर अमित शाह के मुह से खुला ये राज, कहा पहले से हुआ था ये?

अयोध्या मुद्दे में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद होम मिनिस्टर अमित शाह ने बोला कि श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च कोर्ट के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं.

मैं सभी समुदायों  धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस फैसला को सहजता से स्वीकारते हुए शांति  सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें.

उन्होंने बोला कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च कोर्ट द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक फैसला अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा है. यह फैसला हिंदुस्तान की एकता, अखंडता  महान संस्कृति को  बल प्रदान करेगा.

शाह ने बोला कि दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी टकराव को आज इस फैसला से अंतिम रूप मिला है. मैं हिंदुस्तान की न्याय प्रणाली और सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ. उन्होंने बोला कि श्री राम जन्मभूमि कानूनी टकराव के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, सारे देश का संत समाज  अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने सालों तक इसके कोशिश किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता जाहीर करता हूँ.

भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शनिवार को बोला कि इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि हिंदू मानते हैं कि भगवान राम विवादित जगह पर पैदा हुए थे. उन्होंने यह बात खचाखच भरे न्यायालय कक्ष में अयोध्या धरती टकराव का एकमत   निर्णय पढ़ते हुए कही.

न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सवेर्क्षण विभाग की रिपोर्ट में कही बात को मानते हुए कहा, “बाबरी मस्जिद का निमार्ण खाली जमीन पर नहीं हुआ था. विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा था  यह इस्लामिक ढांचा नहीं था.” न्यायालय ने बोला कि निमोर्ही अखाड़े का दावा केवल प्रबंधन का है. सरकार ने अखाड़े की याचिका को खारिज कर दिया.