उत्तराखंड में हो रही रुक-रुक के बारिश , पहाड़ों ने ओढ़ी बर्फ की सफेद चादर

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में गुरुवार सुबह से जारी बर्फबारी से पहाड़ सफेद हो गए। मैदानी क्षेत्र में रुक-रुक हो रही बारिश से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। तराई में फसलों को नुकसान पहुंचा है।

बारिश-बर्फबारी के कारण 62 से ज्यादा सड़कों पर यातायात ठप हो गया। मौसम विभाग ने आज भी पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बारिश, बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।

मसूरी, धनोल्टी, चकराता और नैनीताल समेत तकरीबन सभी हिलस्टेशनों में बर्फबारी से व्यापारियों और पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं। हालांकि, बर्फ के कारण सड़कें बंद होने और फिसलन के कारण उन्हें दिक्कतें भी उठानी पड़ी। नैनीताल में हिमपात देखने उमड़ी पर्यटकों की भीड़ के कारण लंबा जाम लग गया। मसूरी-धनोल्टी मार्ग बंद हो जाने से कई गाड़ियां फंस गईं।

बर्फबारी के कारण राज्य की 62 से अधिक सड़कें बंद होने से लोग जगह जगह फंस गए। कर्णप्रयाग-नैनीताल हाईवे दिवालीखाल क्षेत्र में दस किमी तक बंद हो गया। इस कारण पोलिंग पार्टियां भी फंस गईं। बर्फबारी के कारण डेढ़ महीने से बंद माणा और नीति की सड़कों को खोलने में बीआरओ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। त्यूणी-चकराता, चकराता-लाखामंडल मार्ग बंद से स्थानीय लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ीं।

मौसम की खराबी ने गुरुवार को चुनाव प्रचार पर भी खलल डाला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का उत्तरकाशी दौरा खराब मौसम के चलते रद्द हो गया। वहीं भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा राड़ी टॉप से पहले सिलक्यारा बैंड में फंस गए।

गुरुवार को पहाड़ के साथ साथ मैदानी क्षेत्र में भी बारिश का दौर जारी रहा। हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश में दोपहर तक बारिश जारी रहने से तापमान गिर गया। देहरादून में कहीं, जलभराव तो कुछ इलाकों में अधूरे निर्माण के कारण कीचड़ से वाहन चालकों और राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।