रेलवे ने किया ये बड़ा एलान, कहा नहीं लगेगा इनका किराया, जानिए पूरी खबर

पिछले सप्ताह रेलवे ने कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों का औसतन प्रति व्यक्ति 600 रुपये किराया है और संकेत दिया था कि एक मई से 60 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाकर रेलवे ने लगभग 360 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।

 

इसने यह भी कहा था कि रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रति यात्री 3,400 रुपये खर्च किए और इन ट्रेनों को चलाने में लगभग 2,040 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इन ट्रेनों को चलाने का खर्च केंद्र और राज्यों द्वारा क्रमश: 85-15 प्रतिशत फॉर्मूले के आधार पर वहन किया जा रहा है। मिश्रा ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान रेलवे की माल ढुलाई प्रभावित हुई, और इसमें पहले ही सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

रेलवे बोर्ड के यातायात सदस्य पी एस मिश्रा ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, ‘फिलहाल श्रमिक स्पेशल सेवाओं के लिए किसी राज्य पर कोई भुगतान लंबित नहीं है। हालांकि, हम उनसे मिले धन की समेकित मात्रा नहीं बता सकते क्योंकि सेवाएं अब भी चल रही हैं।’

उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में हमारे पास 15 ट्रेनों की मांग है। हम राज्यों को उनकी शेष मांग के बारे में भी लिख चुके हैं। जब तक उन्हें आवश्यकता होगी, हम ये ट्रेन चलाएंगे।’

रेलवे ने सोमवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाई गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए राज्यों पर किराए का कोई भुगतान लंबित नहीं है। रेलवे एक मई से लेकर अब तक 4,436 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुका है और 62 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुका है।