रेलवे ने किया ये बड़ा एलान, कहा 1 जुलाई से होगा…शुरू की ये तैयारी

सूत्रों के मुताबिक रेलवे (Indian Railways) जीरो बेस्ड टाइम टेबल के जरिए ट्रेनों के डिब्बों, इंजन, क्रू और मेंटनेंस डिपो में लगने वाले अतिरिक्त समय का सही सदुपयोग हो पाएगा।

इससे कम समय में ट्रेनें गंतव्य तक पहुंच पाएंगी। इससे समय और धन की भी बचत होगी। साथ ही इसकी वजह से दूसरी ट्रेनों को लाइन क्लियर होने के लिए बेकार में रुकना नहीं पड़ेगा।

ट्रेनों की मांग बढ़ने से देश में हर साल नई ट्रेनें चलाई जाती हैं। इस वजह से टाइम टेबल में जहां कहीं गैप दिखता है उसी समय में नई गाड़ियों को जोड़ दिया जाता है।

ऐसे में कई बार प्रमुख ट्रेनों को ग्रीन सिगनल देने के चक्कर में बिना प्रायोरिटी वाली ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया जाता है। इससे काफी समय और डीजल व बिजली बर्बाद होती है। इसी व्यवस्था को सुधारने के लिए जीरो बेस्ड टाइम टेबल बनाया जाता है।

इसमें मान लिया जाता है कि अभी देश में कोई ट्रेन नहीं चल रही है और चार्ट शून्य है। उसके बाद ट्रेन की डिमांड और ट्रेन की उपलब्धता के हिसाब से आपरेशान रिसर्च ट्रांसपोर्टेशन अल्गोरिदम से इस तरह का टाइम टेबल सेट किया जाता है .

हर ट्रेन तेजी से दूरी तय करे।रेल मंत्रालय के निर्देश पर हर जोन में एक समिति बनाई गई है। हर जोन के जीएम नोडल अधिकारी बनाये गए हैं।

यह समिति अपने जोन के नेटवर्क में आपरेशन, मेंटनेंस और कंस्ट्रक्शन समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर योजना तैयार करके इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को भेजेगी। उसके हिसाब से ही नया टाइम टेबल तैयार किया जाएगा। ये बदलाव एक जुलाई से लागू होंगे।

लॉकडाउन (Lockdown 4.0) के चलते इस समय देश में महज श्रमिक और स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। बीच में रेलवे पैसेंजर्स और एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने पर विचार कर रहा था, लेकिन बाद में ये फैसला वापस ले लिया गया।

अब रेलवे 1 जुलाई से ट्रेनों के शेड्यूल में बड़ा बदलाव करने वाला है। अब वह जीरो बेस्ड टाइम टेबल (Zero Based Time Table) के अनुसार ट्रेनों का संचालन करेगा। इससे समय की बचत होगी।