कोरोना से बिगड़ते हालात पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप, कहा – वैज्ञानिकों ने भी बार-बार…

विशेषज्ञों और विशेषाधिकार प्राप्त समूह के पास वायरस से लड़ने और लोगों की रक्षा करने, आगे की योजना बनाने, जरूरतों को समझते हुए निर्णय लेने का अधिकार होता है। ताकि जिंदगियां बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सके।

 

गांधी ने कहा उन्होंने बढ़ते मामलों की लगातार उपेक्षा की और चुनाव प्रचार में व्यस्त रहें। उन्होंने वायरस फैलाने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया। पिछले कुछ दिनों में हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सार्वजनिक जगहों पर भी मास्क लगाएं नजर नहीं आए। वह किस तरह का संदेश लोगों को दे रहे थे?

राहुल गांधी उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने सबसे पहले रैलियां रद्द की और दूसरे नेताओं से भी रैलियां रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर सुनामी है जो काफी विध्वंसक है और अपने रास्ते में पड़ने वाली हर चीज को इसने खत्म कर दिया है।

गांधी ने कहा आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है, कोई आपकी सहायता के लिए नहीं आएगा। प्रधानमंत्री भी नहीं। उन्होंने आरोप लगाए कि मोदी सरकार के लिए कोरोना की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गई है और आश्चर्य जताया कि क्या राज्यों और नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने का उनका यह तरीका है।

एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार शुरुआत से ही कोरोना महामारी को समझने और उससे निपटने में पूरी तरह विफल रही है।

जबकि वैज्ञानिकों ने भी बार-बार चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि भारत दुनिया में पहला देश है जो विशेषज्ञ और विशेषाधिकार प्राप्त समूह के दिशा निर्देशों के बगैर इस महामारी का सामना कर रहा है।

भारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4 लाख से अधिक मामले सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यहां की स्थिति से पूरी दुनिया चिंतित है।

साथ ही उन्होंने कहा कि जब दूसरी लहर जारी थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोना के खिलाफ जंग जीतने का पहले ही श्रेय ले चुके थे और अब वह गेंद राज्यों के पाले में डाल रहे हैं।