कोरोनोवायरस महामारी शुरू होने के बाद जब देश लॉकडाउन में था तब प्रवासी श्रमिकों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। लाखों प्रवासी श्रमिक सड़कों पर थे, जबकि कई लोगों के मरने की सूचना थी।
एक ट्वीट में, राहुल ने कहा, .’मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं। तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।’
विपक्ष ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि कई मजदूरों की घरों में लौटते समय रास्ते में मौत हो गई और क्या मृतकों के राज्यवार आंकड़े मौजूद हैं?
जवाब में, केंद्र ने कहा कि मरने वालों की संख्या का कोई आंकड़ा नहीं है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछा कि सरकार ने अगर प्रवासियों के मौत का रिकॉर्ड नहीं रखा तो क्या मौतें नहीं हुईं?