राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप , पहली बार हुई यहा पिटाई

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं।

 

जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

साथ ही, उन्होने यह भी कहा कि संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुआ है। वो भी अस्पताल में है। ये वही विपक्षी हैं जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं। इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोजगारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है।

वहीं, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था।

राहुल ने कहा कि हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है।

विजय चौक से संसद तक पैदल मार्च के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।

राहुल गांधी ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई।

बता दें कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से ये मार्च निकाला गया और मॉनसून सत्र को वक्त से पहले खत्म करने, चर्चा ना करने का विरोध किया जा रहा है।