पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन सकते है ये नेता , राहुल गांधी के है बेहद करीबी

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) के रूप में प्रदेश को अगला सीएम (Punjab New CM) मिल सकता है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले सुनील जाखड़ पूर्व सांसद और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही सोनिया गांधी की विश्वासपात्र और पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी का नाम भी सीएम पद के लिए सामने आया है.

पंजाब में अगला सीएम कौन होगा, इसको लेकर लगातार माथापच्ची जोरों पर है. सूत्रों के अनुसार, सुनील जाखड़ को कांग्रेस आलाकमान पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. हालांकि, इस बार पार्टी राज्य में दो डिप्टी सीएम भी रखेगी, जिसमें से एक दलित समुदाय और सिख समुदाय से होगा. पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक फिर से रविवार सुबह बुलाई गई है, जहां पर मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है.अगला

सूत्र बताते हैं कि इस रेस में दो और नाम भी आगे आए हैं. सोनिया गांधी की विश्वासपात्र और पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी का नाम भी चल रहा है. इसके अलावा राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा जिनको राहुल गांधी ने पहले प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था उनका नाम भी रेस में आगे चल रहा है.

सूत्रों के अनुसार, जिन दो डिप्टी सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है, उमसें दलित समुदाय से डिप्टी सीएम की रेस में पूर्व कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह और पार्टी के वरिष्ठ विधायक राजकुमार वेरका का नाम सबसे आगे चल रहा है. दोनों में से किसी एक को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. इसके अलावा, दूसरा डिप्टी सीएम सिख समुदाय से होगा. इसमें नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी और कैप्टन के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सबसे आगे चल रहा है.

सूत्रों के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह अब जो चेहरा कांग्रेस की ओर से कल या आने वाले दिनों में पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उसकी अगुवाई में अगले साल पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को बतौर मुख्यमंत्री आगे नहीं करना चाहती है. मालूम हो कि सिद्धू कुछ साल पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं और उन्हें हाल ही में पंजाब कांग्रेस का चीफ बनाया गया है.

वहीं, सिद्धू भी चुनाव से ठीक पहले खुद सीएम भी नहीं बनना चाहते हैं. पार्टी और सिद्धू नहीं चाहती है कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख पर आरोप लगे कि उनकी वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा. कैप्टन और अमरिंदर सिंह के बीच में लंबे समय से तनातनी बनी रही है और रिश्ते समय के साथ और खराब होते गए हैं. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू भी आने वाले विधानसभा चुनाव में बतौर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष आलाकमान को परफॉर्मेंस दिखाना चाहते हैं.