प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर बोला हमला, कहा मुस्लिम समुदाय को…

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए और एनआरसी के विरोध में एक रैली के आयोजन के दौरान डॉक्टर कफील ने भड़काऊ भाषण दिया था ।

 

इस पर मुख्यमंत्री योगी ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए कफील पर रासुका (एनएसए) की कार्रवाई कर जेल में डाल दिया था । कफील छह महीनोंं से मथुरा जेल में बंद हैं ।

कफील पर उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने विरोध जताते हुए सीएम योगी पर हमला बोला था । लेकिन प्रियंका गांधी इस मामले में मुखर होकर योगी सरकार पर हमला बोलती रहीं हैं ।

बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कफील को न्याय दिलवाने की मांग करते हुए सीएम को पत्र लिखा था। उन्होंने योगी से कफील को जेल से रिहा किए जाने की मांग की थी । लेकिन योगी ने प्रियंका गांधी के पत्र को अनसुना कर दिया था ।

कार्रवाई केेे बाद कफील योगी  के निशाने पर थे । एनआरसी और सीएए के विरोध में एक रैली के दौरान डॉ कफील ने भड़काऊ भाषण दिया था । यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नागवार गुजरी और उन्होंने कफील पर रासुका के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भिजवा दिया था ।

तभी से वह मथुरा की जेल में बंद हैं । उनकी रिहाई के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कुछ दिनों पहले योगी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की थी ।

आइए आपको बताते हैं कि हाईकोर्ट का वह फैसला, जिस पर प्रियंका गांधी ने आज ट्वीट कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और खास तौर पर मुस्लिम समुदायों में सुर्खियां बटोरी ।

हम बात कर रहे हैं डॉक्टर कफील खान की । जी हां यह कफील वही हैं जो वर्ष 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ थे ।

उस वर्ष गोरखपुर में बुखार (इंसेफेलाइटिस) से हुई बच्चों की मौत के मामले में योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए कफील को निलंबित कर दिया था ।

आज बात करेंगे उत्तर प्रदेश की राजनीति की । वैसे तो यूपी में समाजवादी पार्टी विपक्ष में है । लेकिन कुछ वर्षों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी योगी सरकार के लिए विपक्षी नेता की आक्रामक अंदाज में भूमिका निभाते हुए राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय हैं ।

प्रदेश की योगी सरकार के अधिकांश फैसलों पर प्रियंका ट्विटर के जरिए हमला बोलती रहती हैं । लेकिन आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव को योगी सरकार पर एक और हमला बोलने का मौका मिल गया है ।