प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र, करने को कहा ये काम

प्रियंका ने लिखा, प्रधानमंत्री बनारस के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य भी कई केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं। आखिर बनारस, लखनऊ और आगरा में अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते हैं।

 

अगर अस्पतालों के सामने भयंकर भीड़ है तो मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि यूपी सरकार मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं बनवा रही है? चिकित्सीय सुविधा पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

प्रियंका ने आगे लिखा कि सरकार ने दावा किया था कि 1़5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20,000 सक्रिय संक्रमित केस आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है।

इसी कारण लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। जिस पर अगर समय रहते लगाम न कसी गई तो कोरोना की लड़ाई विपदा में बदल जाएगी।

उन्होंने लिखा कि यूपी में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है। कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं, सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं।

अब एकदम से कोरोना मामलों के विस्फोट की स्थिति है। जब तक पारदर्शी तरीके से टेस्ट नहीं बढ़ाए जाएँगे तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

अब तो गांव देहात भी इससे अछूते नहीं है। साफ प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने ‘नो टेस्ट नो कोरोना’ को मंत्र मानकर लो टेस्टिंग की पालिसी अपना रखी है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उप्र में कल कोरोना के 2500 केस आए और लगभग सभी महानगरों में कोरोना मामलों की बाढ़ सी आई है।

उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। प्रियंका ने लिखा है कि लगता है आपकी सरकार ने ‘नो टेस्ट नो कोरोना’ को मंत्र मान कर लो टेस्टिंग की पलिसी अपना रखी है।