क्लीन गंगा की समीक्षा करने कानपुर आएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नाली-नालो से गिरते पाप को छिपाने में जुटे होंगे कई विभाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कानपुर में नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को लेकर समीक्षा करने आएंगे। पीएम के साथ कई केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी रहेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, नीतीश कुमार और गंगा काउंसिल के मेंबर भी इस समीक्षा बैठक में मौजूद रहेंगे।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कई जिलों से पुलिस बल बुलाया गया है। साथ ही आईआईटी कानपुर के स्पेशल एरियल बैलून मंगाया गया है, जिसकी मदद से नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का एरियल सर्विलांस रहेगा, जिसकी रेडियस 5 किलोमीटर की है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहेगा। कई गाड़ी पीएसी, आर्मी की स्पेशल फोर्स और नौसेना की टीम को मंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की सुरक्षा को लेकर कानपुर के एसएसपी अनंत देव ने बताया कि सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम

पीएम मोदी कानपुर शहर में 4:10 घंटे रहेंगे। सुबह 10:25 बजे चकेरी एयरपोर्ट पहुंचेगे। 10:50 पर पीएम का हेलीकॉप्टर सीएसए विश्विद्यालय के हैलीपेड पर उतरेगा। 11 से 1:55 तक नेशनल मिशन फ़ॉर क्लीन गंगा की कॉउंसिल बैठक में शामिल होंगे। दोपहर 2:05 पर सीएसए के हेलीपैड पर जाएंगे। 2:30 बजे वापस चकेरी एयरपोर्ट पहुंचेगे। 2:35 पर प्रधानमंत्री दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी अटल घाट जाकर गंगा का हाल देखेंगे। पहले ही कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री 14 दिसंबर को कानपुर आएंगे तो कार्यशाला के अलावा उनके ज्यादातर कार्यक्रम गंगा तट पर ही होंगे।

पहले के मुताबिक थी ये खबर

जलस्तर बढ़ाकर गंगा में बहते पाप को छिपाने का प्रयास जारी, इमानदारी से हो नमामि गंगे योजना की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दस केंद्रीय मंत्रियों और गंगा से संबंधित सभी पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित 14 दिसंबर को कानपुर, उप्र में नमामि गंगे परियोजना के कामों की समीक्षा करेंगे। लेकिन संशय यह कि क्या वह वाकई ईमानदार समीक्षा कर सकेंगे।

राज्य सरकार उन्हें सच दिखाने की हिम्मत शायद ही जुटा सके। कानपुर में गंदे नालों को मोड़ा जा रहा है, गंगा किनारे की बस्तियों-गांवों में आनन-फानन शौचालय बन रहे हैं और जलस्तर बढ़ाकर गंगा में बहते पाप को छिपाने का प्रयास जारी है।

कानपुर ही नहीं, उप्र के दो अन्य बड़े केंद्रों प्रयागराज और वाराणसी के अलावा बिहार और बंगाल में भी नमामि गंगे की ‘समीक्षा’ करने में जुट गया है, ताकि देश और प्रधानमंत्री को सच से अवगत कराया जा सके। पानी से पाप बहाने की कोशिश में नरोरा बांध से बुधवार को 5728 क्यूसिक जल की तुलना में गुरुवार को 8862 क्यूसिक जल छोड़ा गया।

तेजी से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा किनारे की गंदगी भी साफ होने लगी है। 14 तक प्रधानमंत्री को गंगा एकदम स्वच्छ दिखेगी। हालांकि यदि वह आचमन करेंगे, जैसा कि कहा जा रहा है, तो गंगाजल में बदबू महसूस कर सकते हैं। फिलहाल कानपुर की बात करते हैं, जहां समीक्षा की तैयारी से पहले ही गंगा सफाई में हुए कामों की पोल एक-एक कर खुल रही है।

सीवेज सिस्टम न होने से पांच लाख से अधिक आबादी क्षेत्र का सीवर नालों में ही जा रहा है। यह हालात तब हैं, जब वर्ष 1989 से अभी तक गंगा की सफाई के नाम पर 1500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं। सीवेज निस्तारण का प्लान भी नहीं बना।

खर्च हुए 1500 करोड़, 40 फीसद कानपुर सीवर विहीन

गंगा एक्शन प्लान : 166 करोड़ रुपये
जेएनएनयूआरएम : 745 करोड़ रुपये
अमृत योजना : 195 करोड़ रुपये
नमामि गंगे : 433 करोड़ रुपये
अभी तक हुए 3500 घरों के सर्वे में 500 घर शौचालय विहीन मिले हैं। 50 लोगों ने शौचालय के लिए फार्म भरा है।